भारत-चीन सीमा विवाद: वांग यी की भारत यात्रा, 24वें दौर की वार्ता में होंगे अजीत डोभाल और जयशंकर शामिल
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर एक बार फिर उच्चस्तरीय वार्ता होने जा रही है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के पोलित ब्यूरो सदस्य, विदेश मंत्री और भारत-चीन सीमा मसले पर चीन के विशेष प्रतिनिधि वांग यी 18 से 20 अगस्त तक भारत की यात्रा पर रहेंगे। यह यात्रा भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) एवं विशेष प्रतिनिधि अजीत डोभाल के निमंत्रण पर हो रही है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस दौरान भारत-चीन सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधियों की 24वीं दौर की वार्ता आयोजित की जाएगी। यह वार्ता सीमा विवाद के समाधान और विश्वास बहाली की दिशा में चल रहे लगातार प्रयासों का हिस्सा है।

जयशंकर-वांग यी की बैठक भी होगी
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर भी वांग यी के साथ एक अलग द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इसमें आपसी हितों, क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा की जाएगी। विदेश मंत्रालय का मानना है कि यह बैठक भारत-चीन संबंधों को संतुलित और रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ाने का अवसर होगी।

चीन का बयान
बीजिंग से भी इस यात्रा की पुष्टि की गई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वांग यी 18 से 20 अगस्त तक भारत में रहेंगे और इस दौरान विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता में शामिल होंगे।
विशेषज्ञों की राय
राजनयिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह वार्ता ऐसे समय हो रही है जब दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव और भरोसे की कमी बनी हुई है। वांग यी और अजीत डोभाल की बातचीत से सीमा पर शांति बहाल करने, तनाव कम करने और परस्पर सहयोग बढ़ाने की दिशा में ठोस पहल हो सकती है।
विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि भारत और चीन, एशिया की दो बड़ी शक्तियां होने के नाते, अगर सीमा विवाद पर समाधान की दिशा में आगे बढ़ते हैं तो इससे न केवल द्विपक्षीय संबंध सुधरेंगे, बल्कि पूरे क्षेत्र में स्थिरता और शांति का संदेश जाएगा।
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