भोपाल-इंदौर हाईवे पर भारी जाम, कुबेरेश्वर धाम में 2 लाख श्रद्धालुओं की भीड़, प्रशासन नदारद
सीहोर। पं. प्रदीप मिश्रा द्वारा आयोजित भव्य कांवड़ यात्रा के चलते सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम और आसपास के इलाकों में अभूतपूर्व भीड़ उमड़ पड़ी है। देशभर से आए करीब 2 लाख श्रद्धालुओं की मौजूदगी के कारण भोपाल-इंदौर नेशनल हाईवे पर मंगलवार देर रात से लंबा जाम लगा हुआ है, जो बुधवार सुबह तक भी नहीं खुल पाया था। हालात यह हैं कि वाहनों की लंबी कतारें रेंग-रेंग कर आगे बढ़ रही हैं और डायवर्जन रूट पर भी जाम की स्थिति बनी हुई है।

🔴 श्रद्धा का सैलाब, व्यवस्थाएं नदारद
कुबेरेश्वर धाम में सीवन नदी के तट से शुरू हुई कांवड़ यात्रा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भव्य रूप में निकाली जा रही है, लेकिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और प्रशासनिक चूक के चलते हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं।
मंगलवार रात से ही हाईवे पर फंसे ट्रक, बसें और निजी वाहन सुबह 7 बजे तक भी अपनी जगह से हिल नहीं पाए। सबसे चिंताजनक बात यह रही कि डायवर्जन मार्ग पर भी यातायात जाम हो गया, और किसी भी ट्रैफिक पुलिस कर्मी की उपस्थिति नहीं देखी गई।

🔹 श्रद्धालुओं की भीड़: “पैर रखने की जगह नहीं”
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, भीड़ इतनी ज्यादा है कि चलने तक की जगह नहीं बची है। आने वाले सभी वाहन श्रद्धालुओं से खचाखच भरे हुए हैं। कई श्रद्धालु पहले से ही धाम में डेरा जमाए हुए हैं, जबकि अन्य लगातार पहुंच रहे हैं।
हालांकि एक दिन पहले ही भीड़ में दबने से दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, बावजूद इसके श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। वे कांवड़ यात्रा और बाबा भोलेनाथ के दर्शन को लेकर भावविभोर हैं।


🔸 हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की योजना
पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि श्रावण मास में उपवास, सेवा और पूजन का विशेष महत्व है। उन्होंने इसे “कलियुग में शिव युग की वापसी” बताया। आयोजन समिति के सदस्य समीर शुक्ला ने जानकारी दी कि यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर से भक्तों पर फूलों की बारिश की जाएगी, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो जाएगा।
🔻 हाईवे जाम से ट्रांसपोर्ट और आम जनजीवन प्रभावित
ट्रांसपोर्टर पवन अरोड़ा ने बताया कि वे और उनके जैसे कई वाहन चालक कई घंटों से जाम में फंसे हुए हैं। यात्रियों को पानी, भोजन और स्वास्थ्य सुविधा तक नहीं मिल रही है। स्कूल बसें, एम्बुलेंस और दवाइयों की आपूर्ति करने वाले वाहन भी इस जाम में फंसे हुए हैं।

❌ प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस पर सवाल
जाम की गंभीर स्थिति के बावजूद पुलिस या प्रशासन की कोई सक्रिय उपस्थिति नहीं दिखी। ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए न तो बैरिकेडिंग की गई और न ही किसी वैकल्पिक मार्ग की पूर्व सूचना दी गई। यह स्थिति प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है।
📌 ज़रूरी सवाल
- क्या इस तरह के आयोजन के लिए पर्याप्त पूर्व तैयारी थी?
- क्या श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या के आधार पर ट्रैफिक और भीड़ नियंत्रण की योजना बनाई गई थी?
- क्या दो महिलाओं की मौत के बावजूद आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए गए?
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श्रद्धा के इस सैलाब ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि धार्मिक आयोजनों में केवल भावना नहीं, बल्कि सुनियोजित प्रबंधन की भी उतनी ही आवश्यकता होती है। कुबेरेश्वर धाम की कांवड़ यात्रा निश्चित रूप से एक भव्य आयोजन है, लेकिन प्रशासनिक असफलता और यातायात व्यवस्था की नाकामी इसके सौंदर्य को धूमिल कर रही है।
श्रद्धालु तो शिवभक्ति में रमे हैं, लेकिन आम जनजीवन, व्यापारी, स्कूली बच्चे और मरीज – सभी इस आयोजन के बदइंतजामी का शिकार हो रहे हैं।
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