- डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर प्रस्तावित 25 प्रतिशत टैरिफ को 7 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान चुनावी दावेदार डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर प्रस्तावित 25 प्रतिशत टैरिफ को 7 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया है। यह शुल्क 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन इसे एक सप्ताह के लिए टाल दिया गया है। ट्रम्प प्रशासन की ओर से जारी 92 देशों की नई सूची में भारत समेत कई देशों पर टैरिफ लगाए गए हैं, जबकि कुछ देशों को आंशिक राहत भी दी गई है। इस सूची में कनाडा पर सबसे कठोर कार्रवाई करते हुए 35% शुल्क तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। वहीं चीन इस सूची से पूरी तरह बाहर है, जिससे राजनीतिक और व्यापारिक हलकों में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
पाकिस्तान को राहत, भारत पर टैरिफ यथावत
नई सूची के मुताबिक, भारत पर 25% आयात शुल्क निर्धारित किया गया है, जबकि पहले यह दर 26% प्रस्तावित थी। हालांकि यह एक प्रतिशत की मामूली राहत है, लेकिन भारत सरकार ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। दूसरी ओर, पाकिस्तान को बड़ी राहत दी गई है — अप्रैल में 29% शुल्क की घोषणा के बाद अब उसे घटाकर 19% कर दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव अमेरिका की दक्षिण एशिया नीति में संतुलन साधने की कोशिश हो सकती है, हालांकि इसके पीछे राजनीतिक या कूटनीतिक समीकरण भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।
सीरिया, लाओस और म्यांमार पर सबसे ऊंचे टैरिफ
ट्रम्प द्वारा जारी सूची में सीरिया पर 41%, लाओस और म्यांमार पर 40% शुल्क लगाया गया है, जो सबसे अधिक है। इन देशों से अमेरिका का प्रत्यक्ष व्यापार अपेक्षाकृत कम है, फिर भी इतनी ऊंची दरों पर शुल्क लगाने के पीछे गहरे रणनीतिक कारण हैं। अमेरिकी अधिकारियों को आशंका है कि चीन अपने उत्पादों को लाओस और म्यांमार जैसे देशों के जरिए भेज रहा है, ताकि अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए गए भारी शुल्क से बचा जा सके। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में लाओस से अमेरिका का आयात दोगुने से अधिक हो गया, जिसका मुख्य कारण यह है कि चीन की कई कंपनियों ने अपने सौर पैनल कारखाने लाओस में स्थानांतरित कर दिए हैं।
अप्रैल की तुलना में कुछ देशों को राहत
डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल को विश्व के अधिकांश देशों पर न्यूनतम 10% शुल्क और कुछ पर “जैसा को तैसा” नीति के तहत भारी शुल्क लगाने की घोषणा की थी। हालांकि अब, 90 में से कई देशों के टैरिफ दरों में बदलाव किया गया है। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, थाईलैंड और अन्य देशों को मिली आंशिक राहत को ट्रम्प प्रशासन ने “रणनीतिक व्यापारिक पुनर्संतुलन” का हिस्सा बताया है। बावजूद इसके, सूची में चीन का न होना इस पूरे कदम की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है।
अमेरिका ने 90 दिन में 90 व्यापार समझौतों का रखा था लक्ष्य, सिर्फ 7 पर बनी बात
ट्रम्प प्रशासन ने पहले 31 जुलाई तक की मोहलत दी थी और लक्ष्य रखा था कि 90 दिन में 90 देशों से व्यापार समझौते किए जाएं।लेकिन अब तक अमेरिका सिर्फ 7 देशों के साथ ही समझौते कर पाया है। यह स्थिति ट्रम्प के ‘अमेरिका फर्स्ट’ नारे और व्यापारिक नीतियों की प्रभावशीलता पर भी प्रश्नचिह्न खड़े करती है। विश्लेषकों का मानना है कि यह रणनीति विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों से भी टकरा सकती है।