October 19, 2025 10:17 PM

मालदीव की स्वतंत्रता की हीरक जयंती पर पीएम मोदी की ऐतिहासिक उपस्थिति: भारत-मालदीव संबंधों में नई प्रगाढ़ता और सहयोग के नए द्वार खुले

pm-modi-maldives-visit-2025-independence-day-celebration

मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ पर पहुंचे पीएम मोदी, भारत-मालदीव के रिश्तों में आई नई गर्मजोशी

माले (मालदीव)।
मालदीव की राजधानी माले में आयोजित 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा प्रदान की। यह दौरा न केवल प्रतीकात्मक था, बल्कि रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। प्रधानमंत्री मोदी इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में दो दिवसीय यात्रा पर मालदीव पहुंचे थे, जहां राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

रिपब्लिक स्क्वायर पर रंगारंग कार्यक्रम और सैन्य परेड

माले के प्रतिष्ठित रिपब्लिक स्क्वायर पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने साथ मिलकर लगभग 50 मिनट तक चलने वाले भव्य कार्यक्रम को देखा। इस आयोजन में मालदीव की सैन्य टुकड़ियों ने अनुशासित परेड प्रस्तुत की, वहीं बच्चों और पारंपरिक कलाकारों ने विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से देश की संस्कृति और गौरव का जीवंत प्रदर्शन किया।

समारोह के बाद राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी एक प्रेरणास्रोत नेता हैं जो पड़ोसी देशों के साथ सहयोग को महत्व देते हैं। भारत और मालदीव के बीच सदियों पुराने संबंधों को उनके नेतृत्व में और अधिक गहराई मिलेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि “पीएम मोदी ने हमारे आमंत्रण को स्वीकार कर हमें सम्मानित किया।”


मत्स्य पालन समझौता: समुद्री सहयोग की नई दिशा

प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे का एक महत्वपूर्ण पहलू मत्स्य पालन सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर था। भारत के मत्स्य विभाग और मालदीव के मत्स्य एवं महासागर संसाधन मंत्रालय के बीच हुए इस समझौते का उद्देश्य टिकाऊ टूना मछली पकड़ने, गहरे समुद्र में मत्स्य संसाधनों के प्रबंधन, और मत्स्य आधारित इको-पर्यटन को बढ़ावा देना है।

इस साझेदारी के तहत मालदीव शीत भंडारण, हैचरी विकास और मछली प्रसंस्करण तकनीकों में भारत के साथ मिलकर अपने संसाधनों को सशक्त बनाएगा। वहीं भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में अपने रणनीतिक प्रभाव और गहरे समुद्र में संसाधनों तक पहुंच को और सुदृढ़ करने का अवसर मिलेगा।


व्यापार, स्वास्थ्य, तकनीक और सामाजिक कल्याण में सहयोग

पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच हुई बैठक में 6 प्रमुख समझौते हुए, जिनमें व्यापार, कृषि, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, मौसम विज्ञान, फार्माकोपिया और मत्स्य पालन शामिल हैं।

भारत द्वारा दी गई ₹4,850 करोड़ की नई क्रेडिट लाइन से मालदीव को वित्तीय स्थिरता मिलेगी और उसका सालाना ऋण भुगतान 40% तक घटेगा। इसके अलावा UPI, रूपे कार्ड और स्थानीय मुद्रा में व्यापार की शुरुआत पर भी सहमति बनी, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक लेन-देन में सुगमता आएगी।

मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement) और द्विपक्षीय निवेश संधि पर भी चर्चा हुई, जिससे व्यापार को नई दिशा मिल सकती है।


संबंधों में आई नई गर्मजोशी, तनाव का हुआ समाधान

यह यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि राष्ट्रपति मुइज्जू अतीत में ‘इंडिया आउट’ अभियान के समर्थन में सामने आए थे, जिसके चलते भारत-मालदीव संबंधों में तनाव आ गया था। लेकिन अब यही मुइज्जू प्रधानमंत्री मोदी को “भारत के सबसे भरोसेमंद मित्र” कहकर संबोधित करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि “भारत को गर्व है कि वह मालदीव का सबसे भरोसेमंद मित्र है। यह मित्रता समय के साथ और मजबूत होगी।”


पूर्व राष्ट्रपति नशीद और मुइज्जू की प्रतिक्रियाएं

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने पीएम मोदी की यात्रा को “सम्मान की बात” बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने घंटों समारोह में रहकर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया और पर्यावरण पर सकारात्मक चर्चा की।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने संकेत दिए कि वह निकट भविष्य में भारत की यात्रा पर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि “भारत ने अतीत में भी हमारी मदद की है और भविष्य में भी वह हमारे सबसे मजबूत साझेदारों में रहेगा।”


पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मिलेगा बढ़ावा

राष्ट्रपति मुइज्जू ने यह भी कहा कि भारत मालदीव के पर्यटन क्षेत्र में हमेशा से एक प्रमुख सहयोगी रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से आपसी संपर्क, लोगों के बीच संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई दिशा मिलेगी।


यात्रा का समापन और भारत वापसी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मालदीव यात्रा समाप्त कर तमिलनाडु के तूतीकोरिन (थूथुकुडी) के लिए रवाना हो गए। वहां वे एक सार्वजनिक कार्यक्रम में ₹4,800 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे।


निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल कूटनीतिक नहीं थी, बल्कि इसमें रणनीतिक सहयोग, आर्थिक साझेदारी और सांस्कृतिक मेल-जोल की भावना स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुई। इससे यह उम्मीद की जा सकती है कि भारत और मालदीव के बीच विश्वास और सहयोग की नई इबारत लिखी जाएगी।



Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram