गूगल मैप की गलती से नवी मुंबई में ऑडी खाड़ी में गिरी, महिला बची; पहले भी हो चुके हैं हादसे
नवी मुंबई।
तकनीक के भरोसे जिंदगी आसान जरूर हुई है, लेकिन जब वही तकनीक चूक जाए, तो बड़ी दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। नवी मुंबई के बेलापुर इलाके में शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात ऐसी ही एक घटना सामने आई, जब गूगल मैप द्वारा दिखाए गए गलत रास्ते पर चलते हुए एक ऑडी कार खाड़ी में जा गिरी। गनीमत रही कि समय पर रेस्क्यू टीम पहुंच गई और कार चला रही महिला को डूबने से बचा लिया गया। हालांकि इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या गूगल मैप पर आंख मूंदकर भरोसा करना सुरक्षित है?
कैसे हुआ हादसा: पुल के नीचे का रास्ता बताया मैप ने
यह हादसा रात करीब 1 बजे हुआ, जब एक महिला अपनी ऑडी कार से उल्वे की ओर जा रही थी। बेलापुर इलाके से गुजरते वक्त उसने रास्ता जानने के लिए गूगल मैप का सहारा लिया। मैप ने उसे पुल के ऊपर के बजाय नीचे से जाने का रास्ता दिखाया। महिला ने बिना आसपास की स्थिति का अंदाज़ा लगाए, सीधे गूगल मैप पर भरोसा कर नीचे की ओर गाड़ी मोड़ दी। नीचे का रास्ता असल में ध्रुवतारा जेट्टी की ओर जा रहा था, जो खाड़ी के किनारे समाप्त होता है। अंधेरे और संकेतों की कमी के कारण महिला को समझ नहीं आया कि रास्ता खत्म हो रहा है। नतीजतन, उसकी कार सीधे खाड़ी में जा गिरी।

समय पर पहुंची समुद्री सुरक्षा पुलिस
घटना स्थल के पास तैनात समुद्री सुरक्षा पुलिस ने देखा कि एक कार पानी में गिर रही है। उन्होंने तत्काल अलर्ट किया और रेस्क्यू बोट तथा गश्ती दल को मौके पर भेजा। महिला को पानी में बहते हुए देखकर तुरंत कार्रवाई की गई। पुलिस की तत्परता और रेस्क्यू टीम की फुर्ती से महिला को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। उसे प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई गई है।


पहले भी हुए हैं ऐसे हादसे: जब गूगल मैप बना मुसीबत
यह कोई पहला मामला नहीं है, जब गूगल मैप के गलत दिशा-निर्देशों ने लोगों की जान जोखिम में डाली हो। हाल के वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लोग या तो गंभीर रूप से घायल हुए या अपनी जान गंवा बैठे।
1. महाराजगंज (9 जून 2025): फ्लाईओवर से लटक गई कार
उत्तर प्रदेश के महाराजगंज में गूगल मैप की गलती के कारण एक कार अधूरे फ्लाईओवर से नीचे लटक गई थी। यह हादसा गोरखपुर-सोनौली हाईवे के भैया फरेंदा इलाके में हुआ था, जहां फ्लाईओवर का निर्माण कार्य अधूरा था, लेकिन गूगल मैप पर पूरा रास्ता दिखाया गया था। वाहन चालक उसी पर भरोसा करते हुए आगे बढ़ा और गाड़ी फ्लाईओवर के छोर से लटक गई। सौभाग्य से सभी यात्री सुरक्षित बच गए।
2. ग्रेटर नोएडा (4 मार्च 2025): नाले में गिरी कार, स्टेशन मास्टर की मौत
गंभीरतम हादसों में से एक ग्रेटर नोएडा में हुआ, जहां 31 वर्षीय स्टेशन मास्टर भरत सिंह की जान चली गई। गूगल मैप के गलत दिशा निर्देशों के कारण उनकी कार 30 फीट गहरे नाले में जा गिरी। यह हादसा उस वक्त हुआ, जब वे किसी स्थान पर पहुंचने की कोशिश कर रहे थे और मैप ने उन्हें संकरी और असुरक्षित गली में मोड़ दिया, जो सीधा नाले में जा मिलती थी। एक डिलीवरी बॉय ने घटना देखी और पुलिस को सूचित किया, लेकिन अस्पताल ले जाने के बावजूद भरत सिंह की जान नहीं बचाई जा सकी।
प्रशासन और गूगल से उठ रहे हैं सवाल
इन घटनाओं के बाद आम लोगों के मन में गूगल मैप की विश्वसनीयता को लेकर गंभीर प्रश्न उठने लगे हैं। सवाल यह भी है कि क्या प्रशासन को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में स्पष्ट चेतावनी संकेत नहीं लगाने चाहिए? और क्या गूगल जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियों को अपने नेविगेशन सिस्टम को स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर अपडेट नहीं करना चाहिए?
गूगल मैप की उपयोगिता से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन ये घटनाएं बताती हैं कि अंधेरे, निर्माणाधीन स्थानों, पानी के निकटवर्ती क्षेत्रों, और अनजान रास्तों में केवल तकनीक पर निर्भर रहना भारी पड़ सकता है। तकनीक के साथ मानवीय समझदारी और सतर्कता भी उतनी ही ज़रूरी है।
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