- नई दिल्ली में हुई उच्च स्तरीय बैठक, पहलगाम व हमास हमले की निंदा, सुरक्षा क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग पर सहमति
नई दिल्ली। भारत और इस्राइल के बीच रक्षा साझेदारी और रणनीतिक सहयोग को नए स्तर पर ले जाने के उद्देश्य से बुधवार को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई। भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और इस्राइल के रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक मेजर जनरल (रिजर्व) आमिर बारम ने इस बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में दोनों देशों ने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में दीर्घकालिक रणनीति और संस्थागत सहयोग के ढांचे को मजबूत करने पर बल दिया। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि भारत और इस्राइल आने वाले वर्षों में तकनीकी, रणनीतिक और औद्योगिक रक्षा साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने की दिशा में मिलकर काम करेंगे। दोनों पक्षों ने इस सहयोग को संस्थागत रूप देने और संयुक्त उत्पादन, अनुसंधान व प्रशिक्षण के माध्यम से रक्षा क्षमताओं को विस्तार देने की प्रतिबद्धता जताई।
आतंकवाद के खिलाफ साझा स्वर: पहलगाम और हमास हमलों की निंदा
बैठक के दौरान आतंकवाद को लेकर दोनों देशों की एकजुटता साफ नजर आई। इस्राइली रक्षा प्रमुख आमिर बारम ने 22 अप्रैल 2024 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। उन्होंने भारत की आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई को पूर्ण समर्थन देने की बात कही। इसके जवाब में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने 7 अक्टूबर 2023 को इस्राइल में हमास द्वारा किए गए आतंकी हमले की निंदा की, जिसमें 1,200 से अधिक लोगों की जान गई थी और सैकड़ों को बंधक बना लिया गया था। उन्होंने बंधकों की शीघ्र रिहाई की मांग करते हुए भारत की ‘आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता’ नीति को दोहराया।

‘जॉइंट वर्किंग ग्रुप’ की प्रगति की समीक्षा
बैठक में जुलाई 2024 में भारत में आयोजित ‘जॉइंट वर्किंग ग्रुप’ की पिछली बैठक के बाद की प्रगति की भी समीक्षा की गई। इसमें संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम, हथियार प्रणालियों के विकास और रक्षा प्रौद्योगिकी में हुए सहयोग का मूल्यांकन किया गया। दोनों पक्ष इस बात से संतुष्ट दिखे कि साझेदारी तेज़ी से आगे बढ़ रही है और इसका प्रत्यक्ष लाभ दोनों देशों को मिल रहा है।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी से भी हुई महत्वपूर्ण मुलाकात
इस्राइली रक्षा महानिदेशक आमिर बारम ने गुरुवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने क्षेत्रीय स्थिरता, साझा सुरक्षा चिंताओं और रणनीतिक साझेदारी को गहराने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की। यह मुलाकात भी नई दिल्ली में हुई और इसे दोनों देशों के रक्षा संबंधों में एक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

नई दिशा में बढ़ता रक्षा सहयोग
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और इस्राइल के बीच यह बढ़ती नजदीकी केवल द्विपक्षीय लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक आतंकवाद और क्षेत्रीय अस्थिरता के विरुद्ध एक साझा मोर्चे के निर्माण का संकेत देती है। उन्नत तकनीक, रक्षा उत्पादों के सह-निर्माण और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसर खुलने की उम्मीद है।