नेपाल सीमा तक फैलाया नेटवर्क, कोठी में चलाता था गुप्त ट्रेनिंग सेंटर, ईडी की 15 ठिकानों पर छापेमारी
छांगुर की गजवा-ए-हिंद साजिश: धर्मांतरण, हवाला और नेपाल तक नेटवर्क का खुलासा
बलरामपुर/लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के उतरौला निवासी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर को लेकर जांच एजेंसियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। छांगुर लंबे समय से गजवा-ए-हिंद जैसी कट्टर इस्लामी सोच से प्रेरित होकर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की दिशा में धर्मांतरण और कट्टरता फैलाने का नेटवर्क खड़ा कर चुका था। ईडी और अन्य जांच एजेंसियों की कार्रवाई से इस साजिश के कई अहम पहलू सामने आए हैं।
देशविरोधी गतिविधियों में सक्रिय छांगुर
एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश ने पुष्टि की है कि छांगुर के खिलाफ कई एजेंसियों द्वारा गंभीर स्तर पर जांच चल रही है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वह हिंदू युवतियों को प्रेमजाल में फंसा कर धर्मांतरण कराने का षड्यंत्र रच रहा था और इसके लिए उसने एक बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया था।

नेपाल तक फैलाया नेटवर्क, टेरर कैंप की थी योजना
छांगुर की नजर अब नेपाल सीमा से सटे इलाकों पर थी, जहां वह 46 गांवों के युवाओं को जोड़कर धर्मांतरण और इस्लामिक मूवमेंट फैलाने की तैयारी में था। सूत्रों के मुताबिक, वह एक टेरर ट्रेनिंग कैंप बनाना चाहता था, जिसके संचालन में लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना थी। इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए उसे विदेशों से फंडिंग भी मिल रही थी।
ईडी की बड़ी कार्रवाई: 15 शहरों में छापेमारी
गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की 20 टीमों ने देशभर के 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। बलरामपुर के मधपुर गांव में स्थित छांगुर की कोठी में हवाला और विदेशी फंडिंग के सबूत जुटाए गए। इस कोठी के लिए जिस जमीन की खरीद हुई, उसमें पूर्व प्रधान जुम्मन खां, विक्रेता संतोष और दुर्गेश त्रिगुनायक से पूछताछ की गई।
इसके अलावा, लखनऊ स्थित सीजेएम कोर्ट के लिपिक राजेश उपाध्याय के घर पर भी छापा मारा गया, जिनकी पत्नी संगीता ने बताया कि वे छांगुर की संपत्ति में साझेदार हैं। जमीन की रजिस्ट्री और भुगतान के दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है।
गुप्त ट्रेनिंग सेंटर, दुबई से बुलाए धर्मगुरु
मधपुर की आलीशान कोठी में तहखाने जैसे गुप्त कमरे बनाए गए थे, जहां शरिया कानून और धर्मांतरण से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता था। छांगुर दुबई से कट्टरपंथी धर्मगुरुओं को बुलाकर विशेष प्रशिक्षण दिलवाता था। इन गतिविधियों को पूरी तरह गुप्त रखने के लिए वह सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखता था।
कई राज्यों तक फैला नेटवर्क
छांगुर का नेटवर्क सिर्फ यूपी में नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल तक फैला था। उसके संपर्क में कई डॉक्टर, रसूखदार व्यक्ति और पेशेवर शामिल थे, जो धर्मांतरण के इस अवैध अभियान में सहयोग कर रहे थे।
डायरियों से खुलेंगे राज
जांच एजेंसियों के अनुसार, छांगुर की कोठी से कई डायरियां बरामद की गई हैं, जिनमें उसके नेटवर्क, संपर्क सूत्रों और योजनाओं का ब्योरा दर्ज है। अब ये डायरियां उसकी साजिश का पर्दाफाश करने में अहम कड़ी साबित होंगी।
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