प्रगनानंदा ने मैग्नस कार्लसन को हराया, फ्रीस्टाइल चेस ग्रैंड स्लैम में शानदार जीत
लास वेगास। भारत के युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंदा ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। उन्होंने विश्व के नंबर-1 शतरंज खिलाड़ी और पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन को फ्रीस्टाइल चेस ग्रैंड स्लैम टूर के ग्रुप स्टेज मुकाबले में मात दी। यह मुकाबला अमेरिका के लास वेगास में खेला जा रहा है।
प्रगनानंदा ने कार्लसन को केवल 39 चालों में हराकर टूर्नामेंट में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है। इस जीत के साथ वे 4.5 अंकों के साथ संयुक्त रूप से टॉप पोजीशन पर पहुंच गए हैं। 19 वर्षीय प्रगनानंदा अब तक शतरंज के तीनों प्रमुख फॉर्मेट—क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज—में मैग्नस कार्लसन को हराने में सफल हो चुके हैं, जो किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।

टूर्नामेंट में अब तक का प्रदर्शन
प्रगनानंदा ने टूर्नामेंट की शुरुआत उज्बेकिस्तान के नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव के खिलाफ ड्रॉ के साथ की थी। इसके बाद उन्होंने कजाकिस्तान की असाउबायेवा के खिलाफ जीत दर्ज की। तीसरे राउंड में उन्होंने विंसेंट कीमर को हराया और चौथे राउंड में मैग्नस कार्लसन को हराकर सबको चौंका दिया।
टूर्नामेंट के इस फॉर्मेट में प्रत्येक खिलाड़ी को 10 मिनट का समय मिलता है और हर चाल पर 10 सेकेंड अतिरिक्त मिलते हैं। इस हाई-स्पीड फॉर्मेट में भी प्रगनानंदा ने अपनी सटीक रणनीति और आत्मविश्वास से जीत हासिल की।

प्रगनानंदा का सफर और पारिवारिक पृष्ठभूमि
प्रगनानंदा का जन्म 10 अगस्त 2005 को चेन्नई में हुआ था। उनके पिता एक बैंक कर्मचारी हैं और मां नागलक्ष्मी गृहिणी हैं। उनकी बहन वैशाली आर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की चेस खिलाड़ी हैं।
प्रगनानंदा ने महज 7 साल की उम्र में वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप जीतकर अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई थी। इसके बाद 10 साल की उम्र में वे दुनिया के सबसे युवा इंटरनेशनल मास्टर बने और 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया।
भारतीय चेस का उभार
प्रगनानंदा के अलावा भारत के एक और युवा स्टार डी गुकेश भी मैग्नस कार्लसन को हरा चुके हैं। उन्होंने जून और जुलाई में दो अलग-अलग टूर्नामेंट्स में कार्लसन को हराकर तहलका मचाया। वर्तमान में गुकेश विश्व रैंकिंग में छठे और भारत में तीसरे स्थान पर हैं।
भारतीय चेस के ये युवा सितारे न केवल अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना रहे हैं, बल्कि आने वाले वर्षों में विश्व चैंपियन बनने की दौड़ में भी प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।
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