August 2, 2025 7:14 PM

अब स्कूलों में फिटनेस को मिलेगा नया बढ़ावा: CBSE ने दिए ‘ऑयल बोर्ड’ लगाने के निर्देश

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तेल के दुष्प्रभावों से जागरूक करेंगे बोर्ड, छात्रों और शिक्षकों को मिलेगी स्वस्थ जीवनशैली की प्रेरणा

नई दिल्ली। अब देशभर के स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों को अत्यधिक तेल सेवन के दुष्परिणामों से अवगत कराने के लिए ‘ऑयल बोर्ड’ लगाए जाएंगे। यह फैसला केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने भारत में तेजी से बढ़ रही मोटापे की समस्या को देखते हुए लिया है। बोर्ड ने सभी संबद्ध स्कूलों के प्रधानाचार्यों को पत्र भेजकर निर्देश जारी किए हैं।

इस अभियान का उद्देश्य स्कूली परिसर को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक क्षेत्र के रूप में विकसित करना और बचपन से ही संतुलित आहार व फिटनेस के महत्व को बढ़ावा देना है।


स्कूलों में सार्वजनिक स्थानों पर लगेंगे ‘ऑयल बोर्ड’

CBSE द्वारा जारी पत्र के अनुसार, स्कूलों के कैफेटेरिया, लॉबी, मीटिंग रूम जैसे सार्वजनिक स्थलों पर स्थैतिक या डिजिटल ‘ऑयल बोर्ड’ लगाए जाएंगे। इन बोर्ड्स पर यह दर्शाया जाएगा कि अत्यधिक तेल का सेवन कैसे मोटापे और अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है।

बोर्ड ने यह भी सुझाव दिया है कि स्कूल चाहें तो यह बोर्ड छात्रों से बनवाकर अनुभवात्मक शिक्षण के रूप में प्रयोग करें।


स्टेशनरी पर भी होंगे हेल्थ मैसेज

CBSE ने स्कूलों से यह भी कहा है कि वे अपनी आधिकारिक स्टेशनरी जैसे लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड आदि पर भी स्वास्थ्य संबंधी प्रेरणात्मक संदेश प्रिंट करें, ताकि सभी को दैनिक रूप से मोटापे के खिलाफ जागरूक किया जा सके।


कैंटीन में अनिवार्य होंगे हेल्दी फूड विकल्प

नई गाइडलाइन के अनुसार, स्कूलों की कैंटीन में अब फल, सब्जियां, कम वसा वाले उत्पाद जैसे स्वास्थ्यवर्धक विकल्प अनिवार्य रूप से रखने होंगे। जंक फूड और अत्यधिक तेलयुक्त खाद्य पदार्थों को सीमित किया जाएगा।

साथ ही छात्रों में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लघु व्यायाम सत्र, सीढ़ियों के उपयोग और पैदल चलने के मार्ग विकसित करने की बात भी कही गई है।


आंकड़ों से स्पष्ट हो रहा मोटापे का खतरा

  • NFHS-5 (2019-21) के अनुसार, शहरी भारत में हर पांच में से एक व्यक्ति मोटापे का शिकार है।
  • The Lancet में प्रकाशित GBD 2021 रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में भारत में 18 करोड़ वयस्क अधिक वजन के शिकार थे, जो 2050 तक 44.9 करोड़ तक पहुंच सकते हैं।
  • यदि यही रुझान जारी रहा, तो भारत विश्व में मोटापे का दूसरा सबसे बड़ा बोझ झेलने वाला देश बन जाएगा।

छात्रों की आदतों में बदलाव ही है असली लक्ष्य

CBSE की शिक्षा निदेशक डॉ. प्रग्या एम. सिंह द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र में कहा गया है कि यह अभियान केवल सूचना देने भर के लिए नहीं है, बल्कि छात्रों के व्यवहार और सोच को बचपन से ही स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में मोड़ने का प्रयास है।

FSSAI के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध वीडियो और पोस्टर की मदद से स्कूल इन प्रयासों को और प्रभावशाली बना सकते हैं।



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