August 2, 2025 9:00 PM

केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी पर फिलहाल रोक, ब्लड मनी को लेकर बातचीत जारी

nimisha-priya-death-sentence-stayed

यमन में फांसी की सजा पाने वाली नर्स निमिषा प्रिया को राहत, मौत की सजा टली

यमन की जेल में सजा काट रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को दी जाने वाली फांसी की सजा फिलहाल स्थगित कर दी गई है। यह राहत उस वक्त मिली है जब देश और विदेश में सामाजिक कार्यकर्ता, धार्मिक नेता और भारत सरकार इस मामले में लगातार हस्तक्षेप कर रहे थे।


एक्टिविस्ट और धर्मगुरुओं की पहल लाई राहत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक्टिविस्ट समूहों और प्रभावशाली धार्मिक नेताओं के हस्तक्षेप के बाद यमन प्रशासन ने निमिषा की फांसी पर अस्थायी रोक लगा दी है। इससे पहले भारत की ओर से डिप्लोमैटिक लेवल पर भी कई प्रयास किए गए थे ताकि उसे ब्लड मनी या क्षमादान के जरिए बचाया जा सके। हालांकि पीड़ित परिवार ने अब तक ब्लड मनी को स्वीकार नहीं किया है।


भारत और यमन के धर्मगुरुओं के बीच अहम बातचीत

इस मामले में भारत के कंथापुरम के ग्रैंड मुफ्ती एपी अबूबकर मुसलियार और यमन के प्रसिद्ध सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज के बीच बातचीत हो रही है। इसमें यमन के सुप्रीम कोर्ट के एक जज और मृतक के भाई की भागीदारी भी हुई है। यह बातचीत शरिया कानून के तहत हो रही है, जिसमें पीड़ित परिवार को दोषी को माफ करने या मुआवजा स्वीकार करने का अधिकार होता है।

बताया जा रहा है कि यह पहली बार है जब मृतक के परिवार से कोई सदस्य बातचीत के लिए आगे आया है। मुफ्ती मुसलियार की पहल पर शेख हबीब ने इस वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए सहमति दी।


निमिषा पर यमनी नागरिक की हत्या का आरोप

केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया, 2017 से यमन की जेल में बंद हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी को ड्रग का ओवरडोज देकर हत्या कर दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों एक प्राइवेट क्लिनिक में साझेदार थे। महदी ने निमिषा का पासपोर्ट जब्त कर लिया था और लगातार उसे प्रताड़ित कर रहा था। इसी के चलते हत्या का मामला सामने आया।


भारत सरकार की सीमित भूमिका, सुप्रीम कोर्ट भी रहा सक्रिय

भारत का यमन में फिलहाल कोई दूतावास नहीं है। 2015 में सना स्थित दूतावास को बंद कर जिबूती में ट्रांसफर कर दिया गया था। अब भारत सरकार यमन से रियाद में स्थित अपने राजदूत के माध्यम से संपर्क में है।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई थी। सोमवार को सरकार ने कोर्ट को बताया कि वह इस मामले में “जहां तक संभव था, वहां तक पहुंच चुकी है”। अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने कहा कि सरकार की भूमिका सीमित है।


ब्लड मनी को लेकर 8.5 करोड़ की पेशकश भी ठुकराई गई

सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ की ओर से मृतक के परिवार को 10 लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 8.5 करोड़ रुपये) की पेशकश की गई थी, ताकि शरिया कानून के तहत निमिषा को क्षमा मिल सके। लेकिन पीड़ित परिवार ने इसे यह कहकर ठुकरा दिया कि “यह मामला हमारी इज्जत से जुड़ा है।”


फिलहाल कुछ वक्त की राहत, प्रयास जारी

निमिषा प्रिया की फांसी टलना एक बड़ी राहत है, लेकिन मामला अभी पूरी तरह सुलझा नहीं है। भारत-यमन के धार्मिक और सामाजिक नेतृत्व के स्तर पर बातचीत जारी है। यदि मृतक का परिवार ब्लड मनी स्वीकार कर लेता है, तो निमिषा की जान पूरी तरह बच सकती है। इस दिशा में काउंसिल, वकील और कई सामाजिक संगठन लगातार प्रयासरत हैं।



Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram