भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल ने अपने पति और साथी बैडमिंटन खिलाड़ी पारुपल्ली कश्यप से अलग होने की घोषणा की है। यह जानकारी उन्होंने रविवार देर रात इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट के जरिए साझा की। साइना ने लिखा कि यह फैसला उन्होंने बहुत सोच-समझकर और आपसी सहमति से लिया है।
साइना ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया भावनात्मक संदेश
साइना ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, “बहुत सोच-विचार के बाद, कश्यप और मैंने अलग होने का फैसला किया है। जिंदगी कभी-कभी हमें अलग-अलग रास्तों पर ले जाती है। हम अब एक-दूसरे के लिए शांति, तरक्की और हीलिंग (उबरना) चुन रहे हैं।” उन्होंने आगे लिखा, “मैं उनके साथ बिताए पलों के लिए आभारी हूं और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं। हमारी निजता का सम्मान करने के लिए धन्यवाद।”

2005 से जान-पहचान, 2018 में की थी शादी
साइना और कश्यप की मुलाकात हैदराबाद की पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी में हुई थी। दोनों 2005 से एक-दूसरे को जानते थे और 2007 से रिलेशनशिप में थे। लंबे समय तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद 14 दिसंबर 2018 को उन्होंने शादी कर ली थी। शादी हैदराबाद में एक प्राइवेट सेरेमनी में हुई थी, जिसमें सिर्फ परिवार और करीबी दोस्त शामिल हुए थे।
शादी के दो दिन बाद, 16 दिसंबर 2018 को हैदराबाद के नोवोटेल होटल में रिसेप्शन पार्टी आयोजित की गई थी। इसमें बैडमिंटन और फिल्म जगत की कई मशहूर हस्तियां शामिल हुई थीं, जिनमें वी. चामुंडेश्वरनाथ, किदांबी श्रीकांत, ज्वाला गुट्टा, नागार्जुन और रकुल प्रीत जैसी बड़ी हस्तियां शामिल थीं।
सब्यसाची के लुक में नजर आए थे दोनों
शादी के रिसेप्शन में साइना ने फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी का डिज़ाइन किया हुआ नीले रंग का वेलवेट लहंगा पहना था, वहीं कश्यप ने सिल्क की हाथ की कढ़ाई वाली ब्लू शेरवानी पहनी थी। सब्यसाची ने दोनों के इस वेडिंग लुक को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया था।

साइना का शानदार करियर
हरियाणा की रहने वाली साइना नेहवाल भारत की सबसे सफल बैडमिंटन खिलाड़ियों में गिनी जाती हैं। वे ओलिंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2012 के लंदन ओलिंपिक में कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा वे 2015 में वर्ल्ड नंबर-1 रैंकिंग तक पहुंचने वाली पहली और अब तक की इकलौती भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।
साइना तीन ओलिंपिक (2008, 2012, 2016) में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। 2008 में उन्होंने बीडब्ल्यूएफ जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती थी और उसी साल बीजिंग ओलिंपिक में हिस्सा लिया। वे उस समय ओलिंपिक क्वार्टरफाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
इसके बाद 2009 में उन्होंने बीडब्ल्यूएफ सुपर सीरीज का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। उन्हें 2009 में अर्जुन पुरस्कार और 2010 में राजीव गांधी खेल रत्न जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया था। कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 और 2018 में उन्होंने गोल्ड मेडल भारत के नाम किया।
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