श्रद्धा से कीजिए शिव आराधना, पाईए सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद
सावन के पहले सोमवार का महत्व, व्रत विधि और पूजन नियम | शिव को प्रसन्न करने के उपाय
भोपाल। श्रावण मास की शुरुआत होते ही भगवान शिव की भक्ति का माहौल संपूर्ण देश में गूंजने लगता है। यह महीना देवों के देव महादेव को समर्पित होता है और इसका हर सोमवार विशेष पुण्यदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सावन में यदि कोई भक्त सच्चे मन से केवल एक लोटा जल भी शिवलिंग पर चढ़ाए, तो भोलेनाथ प्रसन्न होकर उसकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
सावन का प्रथम सोमवार और भी अधिक विशेष होता है, क्योंकि यह महीने की आध्यात्मिक शुरुआत को चिन्हित करता है। ऐसे में शिव भक्त व्रत रखकर, नियमपूर्वक पूजन करके और उपायों के माध्यम से भगवान शिव की कृपा पाने का प्रयास करते हैं।

🌿 सावन सोमवार व्रत का धार्मिक महत्व
- भगवान शिव की प्रियता:
सावन को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना गया है। मान्यता है कि इसी मास में माता पार्वती ने शिवजी को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। - कठिन साधना का मास:
श्रावण मास को तप और भक्ति का काल कहा जाता है। यह समय आत्मशुद्धि, संयम और भक्ति के लिए उत्तम माना गया है। - कल्याणकारी व्रत:
जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक सोमवार का व्रत रखता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है, विशेष रूप से विवाह, संतान, और नौकरी से जुड़ी समस्याओं में यह व्रत फलदायी होता है।

🕉️ सावन सोमवार व्रत एवं पूजन विधि
🔹 व्रत की तैयारी (पूर्व रात्रि):
- सोमवार के व्रत के लिए रविवार रात्रि से ही सात्विक आहार लें।
- सोने से पहले भगवान शिव का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
🔹 प्रातःकाल की विधि:
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर में या किसी शिव मंदिर जाकर शिवलिंग का पूजन करें।
- पूजा में उपयोग करें –
✔ जल व दूध का अभिषेक
✔ बेलपत्र (3 पत्तियों वाला)
✔ धतूरा, भांग, चंदन, सफेद फूल, अक्षत (चावल), शहद, घी आदि - शिव मंत्रों का जाप करें –
“ॐ नमः शिवाय” का कम से कम 108 बार जाप करें।
“महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करने से विशेष लाभ होता है।
🔹 व्रत नियम:
- दिनभर फलाहार लें या व्रत रखें।
- शाम को पुनः पूजा करें और शिव आरती करें।
- जरूरतमंदों को दक्षिणा या भोजन दान करें।
- अगले दिन मंगलवार को व्रत का पारण करें (सात्विक भोजन से)।
🔮 सावन सोमवार के विशेष उपाय (सावन टोटके)
- दांपत्य जीवन में मधुरता के लिए:
हर सोमवार शिव-पार्वती की एक साथ पूजा करें, और “ॐ उमामहेश्वराभ्यां नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। - विवाह में देरी हो तो:
कुंवारी कन्याएं “ॐ नमः शिवाय” का जप करते हुए 16 सोमवार का व्रत करें। बेलपत्र पर ‘राम’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। - धन प्राप्ति के लिए:
शिवलिंग पर जल में मिश्री मिलाकर अर्पित करें और “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। - रोग-मुक्ति हेतु:
महामृत्युंजय मंत्र का जाप रोजाना कम से कम 5 माला करें और भगवान शिव को आक (आकड़ा) का फूल चढ़ाएं।
📜 सावधानी और श्रद्धा के साथ करें पूजन
- पूजन में तुलसी पत्र कभी न चढ़ाएं, यह शिव को वर्जित है।
- बेलपत्र तीन पत्तियों वाला होना चाहिए और साफ-सुथरा हो।
- शिवलिंग पर हल्दी, सिंदूर या केसर न चढ़ाएं।
- यदि व्रत कठिन लगे, तो सप्ताह में एक बार सोमवार को ही रखें, लेकिन विधिपूर्वक करें।

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श्रावण मास और विशेषकर सावन के पहले सोमवार का व्रत और पूजन भक्त के जीवन में चमत्कारी परिवर्तन ला सकता है। यह व्रत भगवान शिव की कृपा पाने का सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली माध्यम है। यदि श्रद्धा, नियम और सच्चे मन से शिव की आराधना की जाए तो व्यक्ति को सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि सब कुछ सहज ही प्राप्त होता है।
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