July 12, 2025 9:59 PM

चांदी ने बनाया नया रिकॉर्ड: पहली बार 1.10 लाख रुपये प्रति किलो के पार, निवेश का अच्छा मौका या जोखिम भरा सौदा?

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इस साल अब तक 28% रिटर्न दे चुकी है चांदी, जानिए क्या है सिल्वर ETF और क्यों निवेश के लिए हो सकता है ये बेहतर विकल्प

चांदी पहली बार 1.10 लाख प्रति किलो पार, क्या है सिल्वर ETF और क्यों करें इसमें निवेश?

नई दिल्ली। चांदी की चमक दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। 11 जुलाई 2025 को इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक, चांदी की कीमत पहली बार ₹1.10 लाख प्रति किलो के पार पहुंच गई। इस साल की शुरुआत से अब तक चांदी में ₹24,273 की बढ़त देखी गई है। यानी निवेशकों को 28% का जबरदस्त रिटर्न मिला है।

वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी की मांग खासतौर पर औद्योगिक उपयोग, जैसे सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और मेडिकल उपकरणों में तेजी से बढ़ रही है, जिससे इसकी कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है।

केडिया एडवाइजरी के निदेशक अजय केडिया का कहना है कि मौजूदा हालात देखते हुए चांदी की कीमत इस साल के अंत तक ₹1.30 लाख प्रति किलो तक जा सकती है। ऐसे में यदि आप चांदी में निवेश का विचार कर रहे हैं, लेकिन फिजिकल चांदी खरीदने में झिझक रहे हैं, तो आपके लिए सिल्वर ETF (Silver Exchange Traded Fund) एक समझदारी भरा विकल्प हो सकता है।

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क्या होता है सिल्वर ETF?

सिल्वर ETF एक तरह का म्यूचुअल फंड होता है, जो पूरी तरह चांदी की कीमतों पर आधारित होता है। इसमें निवेश करने के लिए आपको बाजार से चांदी खरीदने, उसे सुरक्षित रखने या लॉकर लेने की जरूरत नहीं होती।

आप इसे शेयर बाजार (जैसे NSE या BSE) से अपने डीमैट अकाउंट के जरिए खरीद सकते हैं। इसकी कीमतें बाजार में चांदी के रेट के अनुसार घटती-बढ़ती रहती हैं।


कैसे करता है काम?

जब आप सिल्वर ETF में निवेश करते हैं, तो वह पैसा फंड हाउस द्वारा 99.9% शुद्धता वाली चांदी में निवेश किया जाता है।

आपको इसके बदले ETF यूनिट्स मिलती हैं, जिनकी कीमत बाजार में चांदी की कीमत से जुड़ी होती है। अगर चांदी के दाम बढ़ते हैं, तो आपके ETF की वैल्यू भी बढ़ती है।


सिल्वर ETF के फायदे

🔹 कम पूंजी में निवेश की शुरुआत:
आप मात्र ₹100 से भी कम में सिल्वर ETF खरीदना शुरू कर सकते हैं। यानी किसी भी वर्ग का निवेशक इसमें भागीदारी कर सकता है।

🔹 चोरी या लॉकर की चिंता नहीं:
यह पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होता है, इसलिए न तो लॉकर की जरूरत होती है और न ही चोरी का डर। बस डीमैट अकाउंट का सालाना चार्ज लगता है।

🔹 तरलता और आसानी:
सिल्वर ETF को कभी भी, कहीं से भी बाजार में बेचा या खरीदा जा सकता है। यानी जब भी आपको पैसों की जरूरत हो, आप ETF को भुना सकते हैं।


जोखिम की भी जानकारी रखें

🔸 कीमतों में उतार-चढ़ाव:
चांदी की कीमतें अक्सर तेजी से बदलती हैं। यदि बाजार में गिरावट आती है, तो ETF की वैल्यू भी उसी अनुपात में गिर सकती है।

🔸 औद्योगिक मांग पर निर्भरता:
चांदी का बड़ा हिस्सा उद्योगों में उपयोग होता है। यदि इन क्षेत्रों में मांग घटती है, तो इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ सकता है।


क्या आपको करना चाहिए निवेश?

अगर आप फिजिकल चांदी के जोखिमों से बचना चाहते हैं और छोटे निवेश के जरिए मूल्यवृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं, तो सिल्वर ETF आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।

हालांकि, बाजार की स्थितियों को समझना और दीर्घकालिक निवेश की सोच रखना जरूरी है। अगर आप पहली बार निवेश कर रहे हैं, तो किसी वित्तीय सलाहकार से मार्गदर्शन लेना लाभकारी रहेगा।



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