July 11, 2025 9:42 PM

‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने की प्रक्रिया शुरू, पेरिस में हो रहा मूल्यांकन

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‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली। भारत के ऐतिहासिक और रणनीतिक रूप से बेहद अहम ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची (World Heritage List) में शामिल किए जाने के लिए नामांकित किया गया है। इस नामांकन का मूल्यांकन वर्तमान में 6 से 16 जुलाई के बीच पेरिस में आयोजित यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति (WHC) के 47वें सत्र में किया जा रहा है।


भारत की ओर से 2024-25 चक्र के लिए हुआ नामांकन

भारत सरकार ने इस बार 2024-25 नामांकन चक्र के लिए मराठा साम्राज्य के सैन्य स्थापत्य की बेमिसाल मिसाल ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ को नामित किया है। यह नामांकन इस वर्ष समिति के समक्ष पेश किए गए 32 नए स्थलों में से एक है।


क्या हैं ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’?

इस नामांकन में कुल 12 ऐतिहासिक किले और किलेबंद क्षेत्र शामिल हैं, जिन्हें 17वीं से 19वीं शताब्दी के बीच मराठा साम्राज्य के तहत विकसित किया गया था। ये किले न केवल उस काल की सैन्य रणनीति और निर्माण कला के अद्भुत उदाहरण हैं, बल्कि यह मराठा शासन की भू-राजनीतिक समझ और सैन्य विस्तार की भी झलक देते हैं।

इन 12 किलों में शामिल हैं:

  • महाराष्ट्र के:
    साल्हेर किला, शिवनेरी किला, लोहगढ़, खांदेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग
  • तमिलनाडु का:
    जिन्जी किला

इन सभी किलों की खास बात यह है कि ये देश के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों — जैसे पहाड़ी इलाकों, समुद्रतट और मैदानी क्षेत्रों — में रणनीतिक ढंग से स्थापित किए गए थे, जो मराठा साम्राज्य की सैन्य दूरदर्शिता और शक्ति का प्रतीक हैं।


यूनेस्को समिति में 32 स्थलों पर हो रही है चर्चा

पेरिस में हो रही यूनेस्को समिति की इस बैठक में 11 से 13 जुलाई के बीच दुनिया भर से 32 नए नामांकनों की समीक्षा की जा रही है। भारत के अलावा अन्य जिन प्रमुख स्थलों पर विचार किया जा रहा है, उनमें शामिल हैं:

  • कैमरून का Dyi-Gid-Biy सांस्कृतिक क्षेत्र
  • मलावी का माउंट मुलंजे सांस्कृतिक परिदृश्य
  • संयुक्त अरब अमीरात का फाया पैलियोलैंडस्केप

इसके अलावा, दो पहले से घोषित विश्व धरोहर स्थलों की सीमाओं में बदलाव के प्रस्तावों पर भी विचार किया जा रहा है।


भारत ने इस बार सिर्फ एक नामांकन किया

यूनेस्को की ऑपरेशनल गाइडलाइंस 2023 के अनुसार, हर देश एक चक्र में केवल एक ही नामांकन प्रस्तुत कर सकता है। भारत ने इस वर्ष ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ को प्राथमिकता देते हुए इसे विश्व धरोहर के रूप में मान्यता दिलाने की दिशा में कदम उठाया है।


क्या है आगे की प्रक्रिया?

यदि मूल्यांकन समिति भारत के इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो यह नामांकन विश्व धरोहर सूची में शामिल हो जाएगा। इससे न केवल इन ऐतिहासिक स्थलों को वैश्विक संरक्षण और पहचान मिलेगी, बल्कि यह पर्यटन, अनुसंधान और सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के क्षेत्र में भी एक बड़ी उपलब्धि होगी।




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