10 जुलाई को मनाया जाएगा गुरुओं के सम्मान का यह विशेष पर्व, जानिए कैसे पाएं मां लक्ष्मी और गुरु का आशीर्वाद
गुरु पूर्णिमा 2025: जानिए व्रत, पूजन विधि और जीवन सुधारने के लिए खास उपाय
🌕 गुरु पूर्णिमा का महत्व: श्रद्धा, ज्ञान और साधना का पर्व
गुरु पूर्णिमा, हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और श्रद्धा से परिपूर्ण पर्व है, जो आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 10 जुलाई 2025 (गुरुवार) को मनाया जाएगा। यह दिन महर्षि वेदव्यास जी के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है, जिन्होंने वेदों का वर्गीकरण कर उन्हें व्यवस्थित रूप दिया था। इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
यह पर्व गुरु और शिष्य के संबंध को समर्पित होता है। गुरुओं को ईश्वर के समान मानकर इस दिन श्रद्धा व आस्था से उन्हें नमन किया जाता है। धार्मिक, आध्यात्मिक और वैदिक दृष्टि से यह दिन बहुत विशेष होता है, क्योंकि गुरु ही अज्ञानता से प्रकाश की ओर ले जाने वाले पथ-प्रदर्शक होते हैं।

🛕 गुरु पूर्णिमा पर पूजा विधि: कैसे करें गुरु और देवी पूजन
गुरु पूर्णिमा के दिन आप अपने आध्यात्मिक, जीवनदर्शन या शिक्षकीय गुरुओं का सम्मान कर उनके चरणों में श्रद्धा से अर्पण करें। साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु की पूजा भी अत्यंत शुभ मानी जाती है।
पूजा विधि:
- प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- घर के पूजन स्थान या किसी मंदिर में गुरु की तस्वीर या प्रतिमा रखें।
- पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से पूजा करें – यानी फूल, दीपक, धूप, नैवेद्य और जल से पूजन।
- भगवद्गीता का पाठ करें या गुरु से संबंधित कोई मंत्र जपें जैसे –
“गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥”
- गुरु को वस्त्र, फल, पुस्तक या दक्षिणा अर्पित करें।

🌿 व्रत विधि और नियम: आत्मिक शुद्धि का दिन
गुरु पूर्णिमा पर व्रत रखने से मनोबल, धैर्य और आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है। यह दिन उपवास, संयम और ध्यान के लिए उत्तम माना गया है।
व्रत के नियम:
- सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नान के बाद संकल्प लें।
- दिन भर केवल फलाहार लें या जल पर निर्भर रहें (क्षमता अनुसार)।
- सात्विक भोजन ही करें।
- क्रोध, आलस्य और तामसिक प्रवृत्तियों से दूर रहें।
- किसी गरीब, ब्राह्मण या जरूरतमंद को दान दें।

📿 गुरु पूर्णिमा पर जीवन सुधारने के विशेष उपाय
यदि इस दिन श्रद्धा से विशेष उपाय किए जाएं, तो जीवन में सकारात्मक बदलाव और सुख-समृद्धि के द्वार खुल सकते हैं। यहां कुछ खास उपाय दिए जा रहे हैं:
1. गुरु मंत्र का जाप करें
अपने गुरु द्वारा दिया गया मंत्र या “ॐ गुरवे नमः” का जाप कम से कम 108 बार करें। इससे आपके जीवन की रुकावटें दूर होंगी।
2. भगवद्गीता का घर में स्थापन
गुरु पूर्णिमा पर श्रीभगवद्गीता को घर में लाकर या पूजा स्थान पर स्थापित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसका नित्य पाठ मानसिक शांति और निर्णयशक्ति को बढ़ाता है।
3. गाय को चारा और गुरुदक्षिणा दें
इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना पुण्यकारी होता है। साथ ही अपने शिक्षक या गुरु को यथाशक्ति वस्त्र, पुस्तक, फल या दक्षिणा अर्पित करें।
4. गरीबों में अन्न और वस्त्र का दान
गुरु पूर्णिमा पर अन्न, वस्त्र, छाता, जूते या पंखे का दान विशेष फलदायी होता है। यह दान माँ लक्ष्मी की कृपा दिला सकता है।
5. पीपल वृक्ष की पूजा करें
पीपल को जल अर्पित करें और सात परिक्रमा लगाएं। यह आपके पितृ दोष को शांति प्रदान करेगा।
6. ध्यान और आत्मनिरीक्षण करें
इस दिन कम से कम 15-30 मिनट ध्यान करें। अपने जीवन की दिशा और उद्देश्य पर चिंतन करें, इससे आत्मिक उन्नति होगी।

✨ गुरु पूर्णिमा से जुड़े 5 शुभ संकेत
- इस दिन शुभ कार्यों का प्रारंभ करना उत्तम होता है।
- मनोकामना पूर्ति के लिए गुरु के चरणों में प्रणाम करें।
- विद्यार्थियों के लिए ज्ञान और एकाग्रता में वृद्धि का दिन।
- आध्यात्मिक पथ पर चलने वालों के लिए साधना सिद्धि का समय।
- व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए वित्तीय स्थिरता पाने का अवसर।
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