July 13, 2025 12:15 AM

दो दशक बाद बड़ी कामयाबी: अमेरिका से भारत लाई गई धोखाधड़ी की आरोपी मोनिका कपूर

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अमेरिका से प्रत्यर्पित हुई भगोड़ी मोनिका कपूर, 2.36 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को दो दशक पुराने आयात-निर्यात धोखाधड़ी मामले में एक बड़ी सफलता मिली है। अमेरिकी धरती से फरार चल रही भगोड़ी मोनिका कपूर को आखिरकार भारत प्रत्यर्पित कर लिया गया है। सीबीआई ने मंगलवार को अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर इस प्रत्यर्पण की जानकारी साझा की।

2002 में 2.36 करोड़ की धोखाधड़ी, 2006 से थी फरार

मोनिका कपूर पर साल 2002 में 2.36 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। वह मेसर्स मोनिका ओवरसीज की प्रोपराइटर थीं और अपने भाइयों राजन खन्ना व राजीव खन्ना के साथ मिलकर जाली निर्यात दस्तावेजों के आधार पर शुल्क-मुक्त सोने के आयात के लिए छह प्रतिपूर्ति (Advance Authorization) लाइसेंस हासिल किए थे।

प्रीमियम पर बेचे गए लाइसेंस, सरकारी खजाने को भारी नुकसान

1998 में इन लाइसेंसों को मेसर्स दीप एक्सपोर्ट्स, अहमदाबाद को प्रीमियम पर बेच दिया गया। दीप एक्सपोर्ट्स ने इनका उपयोग शुल्क-मुक्त सोना आयात करने में किया, जिससे सरकार को लगभग 1.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

भाइयों को हो चुकी है सजा, मोनिका पर अब चलेगा मुकदमा

सीबीआई की जांच पूरी होने के बाद 31 मार्च 2004 को इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया। राजन और राजीव खन्ना को 2017 में दोषी ठहराया गया था, लेकिन मोनिका कपूर जांच और ट्रायल से बचती रहीं। कोर्ट ने 2006 में उन्हें भगोड़ा घोषित किया था। 2010 में उनके खिलाफ ग़ैर-जमानती वारंट और रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ।

अमेरिका से प्रत्यर्पण में CBI को मिली सफलता

CBI ने 2010 में अमेरिका से उनके प्रत्यर्पण की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू की थी। वर्षों की कानूनी प्रक्रिया और गहन समन्वय के बाद अब उन्हें प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया। सीबीआई की एक टीम अमेरिका जाकर मोनिका को भारत लाई और संबंधित अदालत में पेश किया जा रहा है। अब उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा।

CBI ने बताया– अंतरराष्ट्रीय भगोड़ों के खिलाफ सख्ती की मिसाल

सीबीआई ने अपने बयान में कहा, “यह प्रत्यर्पण अंतरराष्ट्रीय भगोड़ों को न्याय के कटघरे में लाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” यह कार्रवाई देश की जांच एजेंसियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जो लंबे समय से मोनिका कपूर की गिरफ्तारी की कोशिशों में जुटी थीं।



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