हुकुमचंद मिल की तरह ग्वालियर और रतलाम के मजदूरों को भी मिलेगा हक: मुख्यमंत्री
- मेट्रोपोलिटन एरिया विकास के लिए जल्द आएगा नया बिल
- लाड़ली बहना योजना में क्रमिक रूप से बढ़ेगी आर्थिक सहायता
- सिंहस्थ 2028 को बताया ऐतिहासिक आयोजन
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इंदौर की हुकुमचंद मिल के मजदूरों की तरह अब रतलाम की सज्जन मिल और ग्वालियर की मिल के श्रमिकों को भी उनका हक दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हुकुमचंद मिल के मजदूरों को 300 करोड़ रुपये का भुगतान कर 30 साल पुराना विवाद समाप्त किया गया है और इसी तरह के प्रयास ग्वालियर व रतलाम में भी जारी हैं।
मुख्यमंत्री मंगलवार को भोपाल के एक होटल में आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार हर वर्ग के हित में योजनाएं बना रही है।
औद्योगिक विकास और रोजगार पर फोकस
डॉ. यादव ने कहा कि औद्योगिकरण और टेक्सटाइल पार्कों के माध्यम से युवाओं के लिए स्व-रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं। टेक्सटाइल पार्क में काम करने वाली लाड़ली बहनों को 5000 रुपये अलग से दिए जाएंगे। इसके साथ ही लाड़ली बहना योजना की राशि क्रमबद्ध रूप से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह तक पहुंचाई जाएगी।

शिक्षा और भर्तियों को मिली रफ्तार
मुख्यमंत्री ने कहा कि MPPSC की तीन साल की परीक्षाएं एक साथ कराने का फैसला लिया गया है ताकि युवाओं को नुकसान न हो। वर्तमान में एक लाख शासकीय पदों पर भर्तियां जारी हैं, जबकि दो लाख नए पदों की संभावनाएं भी बन रही हैं क्योंकि सरकार ने नौ साल से लंबित पदोन्नतियों का रास्ता साफ कर दिया है।
किसानों और सिंचाई को बड़ी राहत
मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले गेहूं का समर्थन मूल्य 600 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसे अब 2600 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। नदी जोड़ो परियोजनाओं के जरिए सिंचाई का रकबा तेजी से बढ़ रहा है।
सिंहस्थ-2028 के लिए व्यापक तैयारियां
डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में होने वाला सिंहस्थ-2028 सारे रिकॉर्ड तोड़ेगा। इसके लिए क्षिप्रा नदी को बारहमासी बनाने की दिशा में काम जारी है। कान्ह और गंभीर नदियों को इस योजना से जोड़ा जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं और किसानों दोनों को लाभ मिलेगा।
मेट्रोपोलिटन विकास और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
राज्य सरकार एक साल के भीतर मेट्रोपोलिटन एरिया विकास के लिए नया बिल लाएगी, ताकि शहरी विकास को संस्थागत और योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मध्यप्रदेश पर्यटन निगम देश का इकलौता लाभ में चलने वाला टूरिज्म बोर्ड है। उन्होंने कहा कि यह संभव हुआ है कॉस्ट इफेक्टिव विज्ञापन नीति और वाइल्ड लाइफ आधारित पर्यटन के चलते। राज्य टाइगर, चीता, घड़ियाल और गिद्ध की संख्या में देश में पहले स्थान पर है।
स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने इंदौर के पोहे को “वायब्रेंट व्यंजन” बताते हुए कहा कि भाप पर बने पोहे में तेल कम होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी तेल की खपत 10% घटाने की बात कही है। ऐसे प्रयास जनता को सेहतमंद बनाने की दिशा में अहम हैं।
जातिगत जनगणना से होगा भ्रम का अंत
डॉ. यादव ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने देश को जातीय विभाजन से ऊपर उठाने का काम किया। राज्य सरकार ने उनके 5 स्मारक बनवाए हैं। अब जातिगत जनगणना के जरिए सटीक आंकड़े मिलेंगे, जिनके आधार पर आरक्षण की नई संरचना तय की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि सरकार ओबीसी को 27% आरक्षण देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि प्रदेश के जनकल्याण और विकास कार्यों में जनता का सहयोग और समर्थन निरंतर बना हुआ है, जिससे राज्य हर दिशा में प्रगति कर रहा है।
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