तेजस्वी यादव बोले- ये ‘वोटबंदी’ है, लालू ने कहा- दो गुजराती बिहारियों का वोट छीनना चाहते हैं
बिहार में वोटर लिस्ट विवाद पर गरमाई सियासत, 9 जुलाई को बंद, 10 को SC में सुनवाई
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चल रही मतदाता सूची पुनरीक्षण (Voter List Revision) प्रक्रिया को लेकर राज्य की राजनीति में जोरदार घमासान मचा है। विपक्ष इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहा है। राजद, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने 9 जुलाई को ‘बिहार बंद’ बुलाया है। इस बंद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल होंगे। वहीं, 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा।
🔴 तेजस्वी यादव बोले- यह ‘वोटबंदी’ है, चुनाव आयोग पोस्ट ऑफिस बन गया है
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोमवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने मतदाता सूची पुनरीक्षण को ‘वोटबंदी’ करार देते हुए कहा कि—
“6 जुलाई को हम चुनाव आयोग से मिलने गए थे, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला। पटना का चुनाव आयोग पूरी तरह निष्क्रिय है, यह अब सिर्फ एक पोस्ट ऑफिस बनकर रह गया है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बीएलओ (BLO) बिना आधार, दस्तावेज के वोट काट रहे हैं, जिससे बूथों पर मारपीट की स्थिति बन सकती है।
“अगर एक बूथ पर 200 वोट कट जाते हैं, तो लोग BLO से भिड़ने लगेंगे। चुनाव आयोग चुनाव नहीं, संघर्ष कराना चाह रहा है।”
🟥 लालू यादव ने PM मोदी और अमित शाह पर साधा निशाना
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को घेरा। उन्होंने एक्स (X) पर लिखा:
“दो गुजराती मिलकर 8 करोड़ बिहारियों के वोट का अधिकार छीनना चाहते हैं। इन्हें बिहार, संविधान और लोकतंत्र से सख्त नफरत है।”
उन्होंने बिहार की जनता से जागरूक होकर लोकतंत्र को बचाने की अपील की।
दो गुजराती मिलकर 8 करोड़ बिहारियों के वोट का अधिकार छिनने का प्रयास कर रहे है। इन दो गुजरातियों को बिहार, संविधान और लोकतंत्र से सख़्त नफ़रत है।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) July 7, 2025
जागो और आवाज़ उठाओ!
लोकतंत्र और संविधान बचाओ!!#Bihar #RJD #ElectionCommission pic.twitter.com/dalZGliOWq
🗳️ केशव सहनी ने चुनाव आयोग से पुनर्विचार की मांग की
राजद के वरिष्ठ नेता केशव सहनी ने कहा कि इस प्रक्रिया को तत्काल रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा:
“BLO परेशान हैं, दस्तावेज के बिना अपलोड करने को कहा जा रहा है। शिक्षकों को स्कूलों से हटाकर मतदाता पुनरीक्षण में लगाया जा रहा है, जिससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है।”
उन्होंने चुनाव आयोग से सोशल मीडिया पर जनता की नाराजगी को पढ़ने और समझने की अपील की।
⚖️ 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
इस बीच, मतदाता सूची पुनरीक्षण के खिलाफ मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।
- गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने 5 जुलाई को याचिका दाखिल की थी, जिसमें चुनाव आयोग के फैसले को संविधान के अनुच्छेद 14, 19, 21, 325 और 326 का उल्लंघन बताया गया है।
- याचिका में यह भी कहा गया कि यह आदेश 1950 के जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और इलेक्टोरल रूल्स 1960 के नियम 21A के खिलाफ है।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को सुनवाई तय कर दी है।

🗓️ 9 जुलाई को बिहार बंद, राहुल गांधी भी होंगे शामिल
राजद, कांग्रेस और वाम दलों ने 9 जुलाई को बिहार बंद का आह्वान किया है।
- विपक्ष का कहना है कि वोटर लिस्ट से नाम काटने की यह प्रक्रिया चुनावी साजिश है, जिससे बड़ी संख्या में गरीब, दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी बंद के समर्थन में बिहार पहुंचेंगे।
🔍 विपक्ष की मांगें क्या हैं?
- मतदाता पुनरीक्षण कार्य को तत्काल स्थगित किया जाए।
- BLO से बिना दस्तावेज वोट कटवाने की प्रक्रिया बंद हो।
- चुनाव आयोग जनता और विपक्ष की बात सुने और जवाब दे।
- सुप्रीम कोर्ट इस प्रक्रिया की संवैधानिकता की समीक्षा करे।
बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची को लेकर उठा विवाद अब राजनीतिक और संवैधानिक दोनों मोर्चों पर गर्म है। एक ओर जहां विपक्ष इसे लोकतंत्र का हनन बता रहा है, वहीं सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई इस मामले में अगला बड़ा मोड़ ला सकती है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!