लीलावती ट्रस्ट द्वारा लगाए गए फर्जीवाड़े के आरोप, बॉम्बे हाईकोर्ट की तीन बेंच सुनवाई से हट चुकीं
HDFC बैंक CEO शशिधर जगदीशन पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, FIR रद्द करने की मांग
नई दिल्ली। एचडीएफसी बैंक के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर शशिधर जगदीशन ने खुद पर दर्ज फर्जीवाड़ा मामले की एफआईआर को रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। गुरुवार को उनके वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच के समक्ष मामले का उल्लेख (मेंशन) करते हुए त्वरित सुनवाई की मांग की।
कोर्ट ने याचिका पर 4 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया है।
🔎 क्या है पूरा मामला?
- यह मामला मुंबई के प्रसिद्ध लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट और लीलावती अस्पताल से जुड़ा हुआ है।
- ट्रस्ट ने आरोप लगाया है कि शशिधर जगदीशन ने चेतन मेहता ग्रुप को 2 करोड़ रुपये की फाइनेंशियल सलाह देकर ट्रस्ट के प्रशासनिक नियंत्रण को अवैध रूप से प्रभावित करने की कोशिश की।
- इस आधार पर ट्रस्ट ने शशिधर जगदीशन के खिलाफ FIR दर्ज कराई, जिसे बांद्रा पुलिस स्टेशन ने भारतीय न्यायिक सुरक्षा संहिता की धारा 175(3) के तहत दर्ज किया।
⚖️ बॉम्बे हाईकोर्ट में क्या हुआ?
- जगदीशन ने पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर FIR को चुनौती दी, लेकिन अब तक तीन अलग-अलग बेंच ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।
- ऐसे में अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में राहत की उम्मीद जताई है।
💬 मुकुल रोहतगी का पक्ष
- उन्होंने अदालत को बताया कि एचडीएफसी बैंक को लीलावती ट्रस्ट से बड़ी रकम की वसूली करनी है।
- ट्रस्ट ने जानबूझकर बदले की भावना से एफआईआर दर्ज कराई, ताकि बैंक और उसके प्रमुख अधिकारी पर दबाव बनाया जा सके।
- उन्होंने कहा कि यह मामला पद के दुरुपयोग और झूठे आरोपों का है, जिसका राजनीतिक और कारोबारी मकसद है।
🏛️ लीलावती ट्रस्ट की मांग: CBI जांच
- ट्रस्ट ने मामले को गंभीर बताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग भी की है।
- ट्रस्ट का आरोप है कि जगदीशन ने पद का दुरुपयोग कर ट्रस्ट के मामलों में अनुचित हस्तक्षेप किया।
स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!
🔍