July 4, 2025 4:43 AM

सैफ अली खान की पुश्तैनी संपत्ति विवाद में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: फिर से चलेगा ट्रायल, 2000 का फैसला रद्द

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भोपाल नवाब की संपत्ति पर उत्तराधिकार को लेकर फिर छिड़ी कानूनी जंग, ट्रायल कोर्ट को एक साल में निपटारा करने के निर्देश

सैफ अली खान की पुश्तैनी संपत्ति विवाद में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, दोबारा होगी सुनवाई

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल रियासत की ऐतिहासिक संपत्तियों से जुड़े बहुचर्चित उत्तराधिकार विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 14 फरवरी 2000 को ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को दोषपूर्ण करार देकर रद्द कर दिया और पूरा मामला फिर से सुनवाई के लिए ट्रायल कोर्ट को भेज दिया है

यह संपत्ति विवाद भारत की आज़ादी से पहले की भोपाल रियासत के अंतिम नवाब मोहम्मद हमीदुल्ला खान की निजी संपत्तियों से जुड़ा है, जिन पर अब उनके वंशजों के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है।


🏛️ क्या है विवाद का मूल?

याचिकाकर्ता यासिर सुल्तान और फैजा सुल्तान ने दावा किया है कि वे नवाब हमीदुल्ला खान की छोटी बेगम के बेटे नासिर मिर्जा की संतान हैं और मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार नवाब की संपत्ति पर उनका भी उत्तराधिकार बनता है।

उन्होंने आपत्ति जताई है कि भारत सरकार ने वर्ष 1962 में नवाब की बड़ी बेटी साजिदा सुल्तान को एकमात्र उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था, जो नवाब मंसूर अली पटौदी (पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान) की माता थीं।


⚖️ हाईकोर्ट ने क्यों रद्द किया ट्रायल कोर्ट का फैसला?

  • ट्रायल कोर्ट ने याचिका खारिज करते समय 1997 के एक पुराने फैसले को आधार बनाया था।
  • लेकिन हाईकोर्ट ने पाया कि यह फैसला जिस केस (तलत फातिमा बनाम नवाब सैयद मुर्तजा अली खान) पर आधारित था, उसे सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में पलट दिया था।
  • इसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने अद्यतन कानूनी स्थिति पर विचार नहीं किया, जो कानूनी त्रुटि मानी गई।
  • इसलिए न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने 2000 का फैसला अमान्य कर दिया।

🧾 अब क्या होगा आगे?

  • मामला अब फिर से ट्रायल कोर्ट में सुना जाएगा।
  • कोर्ट को निर्देश दिया गया है कि वह इस मामले का एक वर्ष के भीतर निपटारा करे।
  • अब यह तय किया जाएगा कि नवाब हमीदुल्ला की संपत्ति पर केवल साजिदा सुल्तान और उनके वंशजों (जैसे सैफ अली खान, सोहा अली खान) का ही अधिकार है या अन्य वैध उत्तराधिकारियों का भी हक बनता है।

🧬 कौन-कौन हैं पक्षकार?

याचिकाकर्ता:

  • यासिर सुल्तान
  • फैजा सुल्तान (नासिर मिर्जा की संतानें)

प्रतिवादी:

  • शर्मिला टैगोर (पूर्व अभिनेत्री, मंसूर अली की पत्नी)
  • सैफ अली खान (अभिनेता)
  • सोहा अली खान (अभिनेत्री)
  • सबा सुल्तान (पुत्री)

🏰 भोपाल रियासत की संपत्ति का महत्व

भोपाल रियासत की संपत्तियों में महल, बाग-बगिचे, फार्महाउस, ट्रस्ट संपत्तियां और शाही अधिकार शामिल हैं। इनका मूल्य सैकड़ों करोड़ रुपये आंका गया है।


🧾 नवाब हमीदुल्ला के समय का विवाद

भारत सरकार द्वारा 1962 में साजिदा सुल्तान को उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। यह आदेश रियासत के विलय समझौते के आधार पर था।
अब सवाल यह उठाया जा रहा है कि क्या यह संपत्ति महज सिंहासन की थी या निजी संपत्ति, जिस पर मुस्लिम उत्तराधिकार कानून लागू होना चाहिए।


🔍 नजरें ट्रायल कोर्ट पर टिक गईं

अब यह कानूनी रूप से ट्रायल कोर्ट को तय करना है कि:

  • संपत्ति सिर्फ नवाब मंसूर अली के वंशजों की है
    या
  • सभी वैध वारिसों को हिस्सा मिलना चाहिए।


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