सरकार 12% स्लैब खत्म कर 5% टैक्स स्लैब में ला सकती है ज़रूरी वस्तुएं
GST में बड़ा बदलाव: टूथपेस्ट, कुकर और छाते जैसी चीजें हो सकती हैं सस्ती
नई दिल्ली। केंद्र सरकार जल्द ही आम जनता को महंगाई से राहत देने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों में कटौती की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। सरकार 12 प्रतिशत टैक्स स्लैब को समाप्त करके उसमें आने वाली वस्तुओं को 5 प्रतिशत जीएसटी श्रेणी में लाने की संभावना पर विचार कर रही है।
यह बड़ा फैसला जुलाई में प्रस्तावित 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जा सकता है। अगर मंजूरी मिलती है, तो यह 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से सबसे बड़ा बदलाव होगा।
किन चीजों पर मिल सकती है राहत?
12% से 5% GST स्लैब में आने की संभावना वाली वस्तुएं:
- टूथपेस्ट और टूथ पाउडर
- सिलाई मशीन और छाते
- प्रेशर कुकर, बर्तन और इलेक्ट्रिक इस्त्री
- गीजर और छोटी क्षमता वाली वाशिंग मशीन
- साइकिल और 500–1000 रुपये के जूते
- 1000 रुपये से ऊपर की रेडीमेड वस्त्र सामग्री
- स्टेशनरी आइटम (कॉपी, पेन आदि)
- टीके और सिरेमिक टाइलें
- कृषि उपकरण

मध्य और निम्न-आय वर्ग को राहत
इस बदलाव से मध्यम और निम्न आय वर्ग के करोड़ों परिवारों को सीधा लाभ मिल सकता है। दैनिक उपयोग में आने वाले सामानों की कीमतें घटने से घरेलू बजट पर बोझ कम होगा। सरकार इस कदम से जनता की क्रय शक्ति को बढ़ावा देना चाहती है, खासकर उस वर्ग के लिए जिसने महंगाई और बेरोजगारी के बीच संतुलन बनाए रखा है।

स्लैब सरलीकरण की दिशा में अहम कदम
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रस्ताव न केवल उपभोक्ताओं के लिए राहतकारी होगा, बल्कि जीएसटी सिस्टम को सरल और तर्कसंगत बनाने की दिशा में एक बड़ा निर्णय भी होगा। वर्तमान में चार प्रमुख जीएसटी स्लैब हैं – 5%, 12%, 18% और 28%। सरकार अब 12% स्लैब को खत्म कर वस्तुओं को 5% या 18% में समायोजित करना चाहती है।
राजस्व पर असर का मूल्यांकन जारी
सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव पर अमल से सरकारी राजस्व पर असर पड़ सकता है, लेकिन बढ़ती उपभोक्ता मांग और अधिक बिक्री से यह अंतर कुछ हद तक पूरा हो सकता है। सरकार इस समय महंगाई नियंत्रण और लोकप्रिय जनहित निर्णयों पर अधिक फोकस कर रही है।
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