- आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए वैश्विक समुदाय से एकजुट होने की अपील की
संयुक्त राष्ट्र। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए वैश्विक समुदाय से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है और इससे किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाना चाहिए। जयशंकर ने कहा कि आतंकवादी संगठन कुछ देशों के ‘पॉक्सी’ के रूप में काम कर रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को गहरा खतरा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दुनिया को परमाणु ब्लैकमेलिंग के आगे झुकना नहीं चाहिए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख, पाकिस्तान पर निशाना
जयशंकर ने अप्रैल 2022 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया और बताया कि इस हमले की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा कि भारत ने इसके दो सप्ताह बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, “जब कोई देश अपने पड़ोसी के खिलाफ आतंकवाद को हथियार बनाता है, जब कट्टरता उसे बढ़ावा देती है, तो उसे दुनिया के सामने बेनकाब करना जरूरी होता है।”
संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद पर प्रदर्शनी
विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘आतंकवाद का मानवीय नुकसान’ विषय पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी 30 जून से 3 जुलाई और 7 से 11 जुलाई तक दो चरणों में आयोजित की जाएगी। इस प्रदर्शनी में 1993 मुंबई धमाके, 2008 मुंबई हमला, और पहलगाम हमला जैसी घटनाओं को प्रदर्शित किया गया है। इसमें पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों और आतंकियों के नाम भी शामिल किए गए हैं।
आतंकवाद मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ
जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद सिर्फ सुरक्षा को नहीं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र के मूल्यों — जैसे मानवाधिकार, कानून का शासन और देशों के आपसी संबंधों — को भी सीधे चुनौती देता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि “आतंकवाद जहां भी हो, वह हर जगह के लिए खतरा है और पूरी दुनिया को मिलकर इसका मुकाबला करना होगा।”