प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष से जुड़े शुभांशु से की बात:
– 41 साल बाद किसी भारतीय ने रचा अंतरिक्ष में इतिहास – प्रधानमंत्री बोले- आप दूर हैं लेकिन 140 करोड़ दिलों के सबसे करीब
नई दिल्ली। भारत के अंतरिक्ष इतिहास में 25 जून 2025 को दर्ज हुई शुभ शुरुआत अब और अधिक खास बन गई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए बातचीत की। करीब 19 मिनट की यह बातचीत विज्ञान, भावना, गर्व और भारतीयता से परिपूर्ण रही।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इस संवाद की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा,
“प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु से बातचीत की, जो इस समय अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।”
‘भारत बहुत भव्य दिखता है’: शुभांशु का भावुक जवाब
प्रधानमंत्री मोदी ने शुभांशु से पहला सवाल किया कि “अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखकर पहला ख्याल क्या आया?“ इस पर शुभांशु शुक्ला ने जवाब दिया—
“सबसे पहले पृथ्वी का दृश्य देखा। कोई सीमाएं नहीं दिखीं। भारत को देखा तो वो बहुत भव्य और विशाल दिखा। अनेकता में एकता दिखती है। पृथ्वी हमारी एक साझा विरासत है, और हम सब एक हैं।“
प्रधानमंत्री ने हँसते हुए पूछा— “क्या आपने अपने साथियों को गाजर का हलवा खिलाया?” इस पर शुभांशु बोले—
“मैं गाजर का हलवा, मूंग दाल हलवा और आम रस लाया था। सभी साथियों को भारतीय पाककला का स्वाद चखाया और सभी को बहुत पसंद आया।“
प्रधानमंत्री @narendramodi ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से की बातचीत:
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के साथ मेरी शानदार बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अपने अनुभव साझा किए।"
“आपके नाम में भी शुभ है, आपकी यात्रा भी शुभ है” – पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा—
“आप भले ही पृथ्वी से बहुत दूर हैं, लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी ‘शुभ’ है और आपकी यात्रा नए युग की शुभ शुरुआत है। आप भारत का झंडा अंतरिक्ष में फहरा रहे हैं, इसके लिए मैं आपको 140 करोड़ भारतीयों की ओर से बधाई देता हूं।“
शुभांशु बोले: यह सिर्फ मेरी नहीं, पूरे देश की यात्रा है
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने बेहद भावुकता से कहा—
“मैं यहां बिल्कुल सुरक्षित और अच्छा महसूस कर रहा हूं। यह अनुभव नया और अद्भुत है। यह यात्रा केवल मेरी नहीं है, बल्कि पूरे देश की है। यह भारत के सपनों की उड़ान है, जो आपके (प्रधानमंत्री के) नेतृत्व में संभव हो रही है।“
अंतरिक्ष से 16 बार देख रहे हैं सूर्योदय और सूर्यास्त
बातचीत में शुभांशु ने बताया कि अंतरिक्ष स्टेशन से पृथ्वी की हर 90 मिनट में एक परिक्रमा होती है।
“हम एक दिन में पृथ्वी की 16 बार परिक्रमा करते हैं, यानी 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त देखते हैं। ये दृश्य अत्यंत खूबसूरत होते हैं।“
41 साल बाद अंतरिक्ष में पहुंचे दूसरे भारतीय
शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री हैं। उनसे पहले 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष गए थे। 25 जून 2025 को, शुभांशु ने स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी थी। यह मिशन Axiom-4 का हिस्सा है, जिसमें वे तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ISS पर पहुंचे।
भारत के लिए गौरव का क्षण
इस ऐतिहासिक उड़ान ने न केवल शुभांशु के जीवन में, बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय जोड़ा है। उनकी यह यात्रा भारत के लिए वैज्ञानिक उपलब्धि, राष्ट्र गौरव और नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
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