6 लाख का इनामी दुर्दांत नक्सली मन्नू सुलगे पल्लो गिरफ्तार
– महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता
– 15 जवानों की शहादत वाले विस्फोट में था शामिल
गढ़चिरौली। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा पर कवांडे गांव में चलाए गए एक संयुक्त सुरक्षा अभियान में पुलिस और राज्य रिजर्व बल को बड़ी कामयाबी मिली है। छह लाख रुपए का इनामी और दुर्दांत नक्सली मन्नू सुलगे पल्लो उर्फ “अंकल” को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह वही नक्सली है जो 2019 में गढ़चिरौली के जांभुलखेड़ा में हुए आईईडी ब्लास्ट में शामिल था, जिसमें 15 जवान शहीद हो गए थे।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
27 जून को भामरागढ़ तालुका के कवांडे गांव में पुलिस और राज्य रिजर्व बल (SRPF) की एक टीम गश्त पर थी, तभी उन्हें एक संदिग्ध व्यक्ति नजर आया। संदेह के आधार पर उसे हिरासत में लिया गया और पूछताछ के दौरान उसकी पहचान कोरची दलम के डिप्टी कमांडर मन्नू सुलगे पल्लो उर्फ अंकल के रूप में हुई।
इसके बाद उसे कुरखेड़ा पुलिस के हवाले कर दिया गया और शनिवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उसे 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
13 साल की उम्र में बना था नक्सली
मन्नू पल्लो का नक्सलियों से जुड़ाव कम उम्र से ही शुरू हो गया था।
- वह भामरागढ़ तालुका के कवांडे गांव का रहने वाला है।
- 13 वर्ष की उम्र में उसे छत्तीसगढ़ में माओवादी NIB कंपनी में भर्ती किया गया।
- 2017 में, उसे भामरागढ़ दलम में भेजा गया।
- बाद में वह कोरची दलम में डिप्टी कमांडर के पद पर पहुंचा और महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र में सक्रिय रहा।
- 2020 से वह लगातार कवांडे वन क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों का नेतृत्व कर रहा था।
इन घटनाओं में रहा शामिल
🔴 2 मई 2019: जांभुलखेड़ा IED हमला
गढ़चिरौली जिले के कुरखेड़ा तालुका के जांभुलखेड़ा जंगल में माओवादियों ने एक भयानक IED विस्फोट किया था।
- इसमें C-60 कमांडो दस्ते के 15 जवान शहीद हो गए थे।
- मन्नू पल्लो इस हमले का सक्रिय सहभागी था।
🔴 29 मार्च 2021: खोबरामेंढा जंगल मुठभेड़
- मन्नू 2021 में खोबरामेंढा जंगल में हुई मुठभेड़ में भी शामिल था, जिसमें सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच गंभीर गोलीबारी हुई थी।
इन गंभीर गतिविधियों में संलिप्तता के कारण सरकार ने उस पर 6 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
पुलिस की बड़ी रणनीतिक सफलता
गढ़चिरौली जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस गिरफ्तारी को “रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम” बताया है। इससे न केवल नक्सल नेटवर्क को झटका लगा है, बल्कि आने वाले समय में नक्सली गतिविधियों की कमर तोड़ने में मदद मिलेगी।
अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि पूछताछ के दौरान मन्नू से और भी महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है, जिससे माओवादी संगठन के लोकल नेटवर्क, हथियारों की आपूर्ति और अन्य गुप्त ठिकानों का पता लगाया जा सकता है।
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