July 4, 2025 8:24 AM

उधमपुर: जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की तलाश में तीसरे दिन भी अभियान जारी, सेना का घेरेबंदी अभियान तेज

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उधमपुर: जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की तलाश में तीसरे दिन भी अभियान जारी


जम्मू। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के बसंतगढ़ बेल्ट में जारी आतंकवाद विरोधी अभियान शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े तीन आतंकियों की तलाश के लिए सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त टीम ने बहुस्तरीय घेरेबंदी और तलाशी अभियान को और अधिक आक्रामक बना दिया है।

यह कार्रवाई गुरुवार को हुई मुठभेड़ के बाद और तेज़ हो गई है, जिसमें जैश का एक आतंकवादी मारा गया था, जबकि उसके तीन साथी जंगली इलाके में छिपे हुए हैं। शनिवार सुबह से ही ड्रोन, खोजी कुत्तों और थर्मल इमेजिंग उपकरणों की मदद से इलाके की सघन तलाशी ली जा रही है।


कैसे शुरू हुआ अभियान?

गुरुवार को सुरक्षा एजेंसियों को खुफिया जानकारी मिली थी कि चार आतंकवादी उधमपुर के बिहाली क्षेत्र में करूर नाले के पास छिपे हुए हैं। इसके बाद सेना के पैरा कमांडो दस्ते की अगुवाई में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया।

मुठभेड़ के दौरान जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर हैदर उर्फ जब्बार उर्फ मौलवी मारा गया। हैदर पाकिस्तान का रहने वाला था और पिछले एक वर्ष से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में था।


तीन आतंकी अब भी जंगलों में छिपे

पुलिस महानिरीक्षक (IG) भीम सेन टूटी ने जानकारी दी कि शेष तीन आतंकी अब भी घेरे में हैं। सेना ने अतिरिक्त टुकड़ियाँ तैनात कर दी हैं और घेराबंदी को और मजबूत कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि इन आतंकियों की पकड़ या मुठभेड़ किसी भी वक्त संभव है।


जैश के नेटवर्क पर पहले से नजर

बताया गया कि यह वही समूह है जिसके दो आतंकियों को पिछले साल सितंबर 2024 में बसंतगढ़ इलाके में मुठभेड़ में मार गिराया गया था। तब से यह जैश का सक्रिय सेल सुरक्षाबलों की रडार पर था।

सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि यह समूह स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) की मदद से एक इलाके से दूसरे इलाके में जंगलों और प्राकृतिक गुफाओं का उपयोग करके छिपता रहा।


ओजीडब्ल्यू और स्थानीय मददगारों की भूमिका

अब तक पांच ओजीडब्ल्यू को गिरफ्तार किया गया है, जो आतंकियों को खाद्य सामग्री, नकदी और शरण मुहैया कराते थे। इसके अलावा, एक स्थानीय आतंकी, जो कई वर्षों बाद पाकिस्तान से लौटकर सक्रिय हो गया था, वह भी इस नेटवर्क को लॉजिस्टिक सपोर्ट दे रहा था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह स्थानीय आतंकी ग्राउंड स्तर पर कम्युनिकेशन, ठिकाने और सामान की आपूर्ति को संचालित करता था।


मुठभेड़ से बरामद हुआ हथियार, नकदी और विस्फोटक

गुरुवार को मारे गए आतंकी हैदर उर्फ मौलवी के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक सामग्री और नकदी बरामद की गई है। इससे यह साफ है कि आतंकी बड़े हमले की योजना बना रहे थे, जिसे समय रहते विफल कर दिया गया।


ड्रोन, स्निफर डॉग्स और निगरानी तंत्र सक्रिय

शनिवार सुबह से तलाशी अभियान ड्रोन कैमरों, स्निफर डॉग्स, थर्मल इमेजिंग और सेना के विशेष पर्वतीय दस्तों के साथ फिर से शुरू किया गया।

सुरक्षा बलों का उद्देश्य अब न सिर्फ बचे आतंकियों को पकड़ना है, बल्कि पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करना है, जिसमें स्थानीय मददगार भी शामिल हैं।



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