July 5, 2025 5:40 AM

पुरी रथ यात्रा 2025: दूसरे दिन भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ पहुंचा गुंडिचा मंदिर, भारी बारिश और भीड़ में श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ी

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पुरी रथ यात्रा 2025: दूसरे दिन भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ पहुंचा गुंडिचा मंदिर

पुरी (ओडिशा)। जगन्नाथ पुरी की विश्वप्रसिद्ध रथ यात्रा का आज दूसरा दिन है और शनिवार सुबह से ही भक्तों में उत्साह और श्रद्धा का अद्भुत नजारा देखने को मिला। सुबह 10 बजे से रथ खींचने की परंपरा दोबारा शुरू हुई, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल हुए।

तीनों रथों ने गुंडिचा मंदिर पहुंचाया भगवानों को

  • सुबह 11:20 बजे, सबसे पहले भगवान बलभद्र का रथ तालध्वज गुंडिचा मंदिर पहुंचा।
  • दोपहर 12:20 बजे, देवी सुभद्रा का रथ दर्पदलन भी मंदिर के द्वार पर पहुंचा।
  • और फिर दोपहर 1:11 बजे, भगवान श्रीजगन्नाथ का नंदीघोष रथ भी गुंडिचा मंदिर पहुंचा, जहां अगले 9 दिनों तक तीनों भगवान विश्राम करेंगे।

रथ यात्रा की कुल दूरी 2.6 किलोमीटर है, जो मुख्य श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक जाती है।

भारी भीड़ और बारिश के बीच यात्रा पूर्ण

इस बार यात्रा में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पुरी पहुंचे हैं। शुक्रवार को अनुमानित 10 लाख से अधिक भक्तों की भीड़ रही, वहीं शनिवार को हल्की बारिश के कारण भीड़ में 10-20% की कमी देखी गई।

मौसम की नमी और भीड़भाड़ के कारण अब तक 650 से अधिक श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ने की खबर है। इनमें से 70 को अस्पताल में भर्ती किया गया है और 9 की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्रशासन ने इस दौरान विशेष स्वास्थ्य शिविर और आपातकालीन सहायता केंद्रों की व्यवस्था की है।

अडाणी समूह की सेवा

इस बार रथ यात्रा में अडाणी समूह भी सेवा कार्यों में शामिल हुआ है। गौतम अडाणी, जो अडाणी समूह के चेयरमैन हैं, आज भुवनेश्वर पहुंचे और जल्द ही पुरी पहुंचेंगे। उनका समूह इस यात्रा के दौरान भक्तों को प्रसाद सेवा और अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग दे रहा है।

प्रशासन की सतर्क निगरानी

पुरी जिला प्रशासन और ओडिशा सरकार ने इस भव्य आयोजन को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की हैं। सुरक्षा के मद्देनज़र हजारों पुलिसकर्मी, ड्रोन निगरानी, सीसीटीवी कैमरे और तत्काल चिकित्सा सेवाएं तैनात की गई हैं।

आगे का कार्यक्रम

गुंडिचा मंदिर में तीनों भगवान 9 दिनों तक विश्राम करेंगे, जिसे गुंडिचा उत्सव कहा जाता है। इसके बाद भगवान, 5 जुलाई को वापस श्रीमंदिर लौटेंगे, जिसे बहुदा यात्रा कहा जाता है। इस दौरान भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।



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