July 5, 2025 3:06 AM

कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप, तीन आरोपी गिरफ्तार– महिला आयोग ने लिया स्वतः संज्ञान, भाजपा ने ममता सरकार पर साधा निशाना

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कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा से गैंगरेप, तीन आरोपी गिरफ्तार

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के कस्बा इलाके में स्थित एक लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ कॉलेज परिसर में सामूहिक दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया है। घटना 25 जून की शाम की बताई जा रही है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो मौजूदा छात्र और एक पूर्व छात्र शामिल है।

आरोपी कौन हैं?

पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शामिल हैं:

  • मोनोजीत मिश्रा (31 वर्ष) – कॉलेज इकाई का पूर्व अध्यक्ष
  • जैब अहमद (19 वर्ष) – मौजूदा छात्र
  • प्रमित मुखर्जी उर्फ प्रमित मुखोपाध्याय (20 वर्ष) – मौजूदा छात्र

मोनोजीत और जैब को 26 जून की शाम को कस्बा स्थित सिद्धार्थ शंकर शिशु रॉय उद्यान के पास से गिरफ्तार किया गया। प्रमित को 27 जून की सुबह उनके घर से गिरफ्तार किया गया। तीनों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं और उन्हें 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है।

कैसे हुआ वारदात का खुलासा?

पीड़िता ने कस्बा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें उसने आरोप लगाया कि कॉलेज परिसर के अंदर ही उसे कमरे में ले जाकर तीनों आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया।

पुलिस के अनुसार, मामला फिलहाल प्रारंभिक जांच के स्तर पर है, लेकिन सबूत जुटाए जा रहे हैं और फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने लिया स्वतः संज्ञान

घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने गंभीरता दिखाई है। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर बीएनएस की धारा 396 के तहत पीड़िता को मुआवजा, चिकित्सकीय, मनोवैज्ञानिक और कानूनी सहायता देने की बात कही है। आयोग ने तीन दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।

राजनीतिक घमासान भी शुरू

भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि आरोपियों में से एक तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा हुआ है, हालांकि इस आरोप के समर्थन में उन्होंने कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया।

वहीं, तृणमूल कांग्रेस की ओर से फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

10 माह में दूसरी हैवानियत

गौरतलब है कि यह मामला पश्चिम बंगाल में पिछले 10 महीनों में दूसरा सामूहिक बलात्कार का मामला है, जिसने राज्य की कानून व्यवस्था और कॉलेज परिसरों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।



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