July 4, 2025 8:42 AM

हिमाचल में मानसून का कहर: कुल्लू में बादल फटने से तीन बहे, पांच जिलों में बाढ़ का येलो अलर्ट

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शिमला।
हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही मौसम ने विकराल रूप धारण कर लिया है। खासकर कुल्लू जिले में बुधवार को बादल फटने की कई घटनाएं सामने आईं, जिससे जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ है। वहीं, शिमला, मंडी, चंबा, कांगड़ा और सिरमौर जिलों में फ्लैश फ्लड (अचानक बाढ़) का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

कुल्लू के चार क्षेत्रों में बादल फटे, तीन लोगों की बहने से मौत की आशंका

कुल्लू जिले के सैंज घाटी, गड़सा, बंजार और मणिकर्ण के ब्रह्मगंगा नाले में बुधवार को दोपहर बाद बादल फटने की घटनाएं हुईं। जीवा नाला, शिलागढ़ और स्रो गैलरी क्षेत्रों में भारी बारिश के चलते नदियों और नालों में बाढ़ आ गई, जिससे कई वाहन बह गए और सड़कों व पुलों को नुकसान पहुंचा।

अतिरिक्त उपायुक्त कुल्लू अश्वनी कुमार ने बताया कि कई नालों में जलस्तर एकदम से खतरनाक स्तर तक पहुंच गया। सैंज घाटी के मझान नाले, गड़सा घाटी के हुरला, पचा और मनिहार नालों में तेज जलप्रवाह दर्ज किया गया है।

रैला बिहाल क्षेत्र में चार मकान ढहे, तीन लोग लापता

सबसे गंभीर हालात रैला बिहाल क्षेत्र में देखने को मिले, जहां चार मकान क्षतिग्रस्त हुए और तीन लोग बह गए। बताया गया कि हादसे के समय ये लोग घरों से सामान निकाल रहे थे। प्रशासन द्वारा राहत-बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम को पहले से तैनात रखा गया था, जो मौके पर सक्रिय है।

स्कूल, दुकान और गोशाला को भी नुकसान

बंजार के होरनगढ़ क्षेत्र में एक छोटा पुल और एक वाहन बाढ़ में बह गए। चेहणी गांव में एक गोशाला पूरी तरह तबाह हो गई, वहीं एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में मलबा और पानी घुस गया। सैंज बाजार रोड, सियूंड मार्ग और एक अस्थायी दुकान को भी नुकसान पहुंचा है।

लाहौल-स्पीति में भी रास्ते बंद, लोगों से यात्रा न करने की अपील

लाहौल-स्पीति जिले में काजा से सुमदो तक कई मार्ग बंद हो गए हैं। प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। राजधानी शिमला में भी दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही।

मौसम विभाग की चेतावनी: 1 जुलाई तक भारी बारिश के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने चेताया है कि राज्य में आगामी कुछ दिनों तक मॉनसून सक्रिय रहेगा और भारी से अति भारी वर्षा के आसार हैं। विभाग के अनुसार, नदी-नालों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो सकती है, जिससे फ्लैश फ्लड की संभावना बनी हुई है।

प्रशासन ने जनता से नदियों-नालों से दूर रहने, पर्वतीय क्षेत्रों में सतर्क रहने और मौसम विभाग की हर चेतावनी पर गंभीरता से अमल करने की अपील की है।


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