न्यूयॉर्क।
भारतीय मूल के 33 वर्षीय जोहरान ममदानी ने अमेरिकी राजनीति में नया इतिहास रचते हुए न्यूयॉर्क सिटी के महापौर पद का चुनाव जीत लिया है। मशहूर फिल्मकार मीरा नायर के बेटे जोहरान इस प्रतिष्ठित पद पर पहुंचने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और पहले मुस्लिम व्यक्ति बनेंगे। उनकी इस उपलब्धि को लेकर अमेरिका ही नहीं, बल्कि भारत में भी उत्साह का माहौल है।
एंड्रयू कुओमो ने मानी हार, दी बधाई
जोहरान ममदानी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी, न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से जोहरान को बधाई देते हुए कहा कि “यह नई पीढ़ी का नेतृत्व है, जो सामाजिक न्याय और समावेश की बात करता है।” कुओमो की हार और जोहरान की जीत को न्यूयॉर्क की राजनीति में एक बड़ी वैचारिक परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है।
राजनीति में कदम रखा 2021 में
जोहरान ने वर्ष 2021 में न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के सदस्य के रूप में राजनीति में कदम रखा था। तब से उन्होंने वंचित तबकों के अधिकार, आवास नीति, पुलिस सुधार और नस्लीय न्याय जैसे मुद्दों पर मुखर होकर काम किया। खुद को “डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट” बताने वाले जोहरान का राजनीतिक रुख प्रगतिशील और आमजन से जुड़ा रहा है।
मां मीरा नायर का गर्व
जोहरान ममदानी की मां, प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक मीरा नायर, जिनकी फिल्में सलाम बॉम्बे, नेमसेक और मॉनसून वेडिंग जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराही गई हैं, ने बेटे की इस ऐतिहासिक जीत पर गर्व जताया है। उन्होंने कहा, “मेरे बेटे ने न सिर्फ एक चुनाव जीता है, बल्कि एक उम्मीद और विविधता का रास्ता भी खोला है।” मीरा नायर लंबे समय से अमेरिका और भारत में समान रूप से सक्रिय रही हैं और सामाजिक मुद्दों पर भी मुखर रही हैं।

जोहरान की राजनीतिक पहचान
जोहरान ममदानी का जन्म युगांडा मूल के मुस्लिम पिता और भारतीय हिंदू मां के घर हुआ। इस बहुलतावादी सांस्कृतिक विरासत ने उन्हें बचपन से ही सामाजिक समानता और विविधता के मूल्य सिखाए। वे खुद कहते हैं कि “मैं भारत की विविधता, अफ्रीका की जड़ों और अमेरिका के लोकतंत्र का मेल हूं।” उनके चुनावी अभियानों में युवाओं और आप्रवासी समुदायों का विशेष समर्थन मिला।
मीडिया में सुर्खियों में
वाशिंगटन पोस्ट, न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉल स्ट्रीट जर्नल जैसे प्रतिष्ठित अमेरिकी अखबारों ने जोहरान की इस जीत को न्यूयॉर्क की राजनीति में ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक बताया है। अखबारों की रिपोर्ट में कहा गया कि “एक युवा, प्रगतिशील नेता का उदय दर्शाता है कि न्यूयॉर्क अब समावेशी नेतृत्व के लिए तैयार है।”
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
जोहरान ममदानी की जीत भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए भी एक प्रेरणादायक संदेश है। उनकी यह उपलब्धि न सिर्फ अमेरिका में बसे भारतीयों को, बल्कि भारत में युवाओं को भी राजनीति में नई सोच और सामाजिक समर्पण के साथ जुड़ने की प्रेरणा देती है।
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