श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी की ऐतिहासिक भेंट के शताब्दी समारोह में दिया संदेश: अब कोई दुश्मन सुरक्षित नहीं
नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी के बीच हुई ऐतिहासिक मुलाकात की 100वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए भारत की नई सामरिक नीति, आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक मूल्यों पर विस्तार से बात की। इस अवसर पर उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत अब न सिर्फ रणनीतिक स्तर पर मजबूत हुआ है, बल्कि हथियारों के मामले में भी आत्मनिर्भर होता जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, “आज का भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। हमने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान यह देखा कि हमारी सेनाओं ने ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों के सहारे महज़ 22 मिनट में दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।” उन्होंने आगे विश्वास जताया कि आने वाले समय में भारतीय हथियारों की गुणवत्ता पूरी दुनिया में पहचानी जाएगी।
The contributions of Sree Narayana Guru and Mahatma Gandhi are exemplary. Addressing a programme marking the centenary celebration of the conversation between the two greats. https://t.co/Kz8JK0Axdn
— Narendra Modi (@narendramodi) June 24, 2025
आतंकवाद पर सख्त नीति का उदाहरण बना ऑपरेशन सिंदूर
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं करता। उन्होंने कहा, “जो लोग भारत की संप्रभुता को चुनौती देते हैं, उन्हें अब कोई भी कोना सुरक्षित नहीं बचा। हमने दुनिया को दिखा दिया है कि भारतीय खून की कीमत बहुत बड़ी है और अब हर हमला मुंहतोड़ जवाब पाएगा।”
आत्मनिर्भर भारत और भारत की वैश्विक भूमिका
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत की वैश्विक भूमिका की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे भारत ने G20 समिट से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा, “हमारे वैश्विक अभियान ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’, ‘वन वर्ल्ड, वन फैमिली, वन फ्यूचर’, और ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ पूरी दुनिया को भारत की समग्र सोच और स्थायी विकास की प्रतिबद्धता का परिचय देते हैं।”

श्री नारायण गुरु और गांधीजी की भेंट: सामाजिक समरसता की प्रेरणा
प्रधानमंत्री ने 100 साल पहले हुई श्री नारायण गुरु और महात्मा गांधी की ऐतिहासिक भेंट को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नैतिक और सामाजिक आधार के रूप में याद किया। उन्होंने कहा, “ये मुलाकात केवल एक ऐतिहासिक क्षण नहीं थी, बल्कि सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक चेतना के संगम की प्रतीक थी।”
मोदी ने श्रद्धापूर्वक कहा, “श्री नारायण गुरु के विचार और महात्मा गांधी की कार्यशैली ने देश को एकजुट किया। आज भी, जब मैं समाज के वंचित और शोषित वर्ग के लिए निर्णय लेता हूं, तो गुरु देव की प्रेरणा मुझे मार्ग दिखाती है।”
समाज सुधारकों की भूमि भारत
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की परंपरा यह रही है कि हर चुनौतीपूर्ण समय में कोई न कोई संत, सुधारक या विचारक जन्म लेकर देश को नई दिशा देता है। उन्होंने श्री नारायण गुरु को एक ऐसे ही युगद्रष्टा संत के रूप में बताया, जिनकी शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।
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