- पहलगाम हमले में मारे गए 26 लोगों के परिजनों को मिला पहला सुराग, जांच एजेंसियां रूट मैपिंग में जुटीं
श्रीनगर। दो महीने पहले हुए भीषण पहलगाम आतंकी हमले की जांच में पहली बड़ी सफलता हाथ लगी है। रविवार को एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए दो स्थानीय आरोपियों की पूछताछ में हमले में शामिल एक आतंकी की पहचान हो गई है। पकड़े गए आरोपियों परवेज अहमद जोठार और बशीर अहमद जोठार ने बताया कि हमला करने वाले आतंकियों में से एक का नाम सुलेमान शाह है। सुलेमान का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से है और वह कुख्यात आतंकी नेटवर्क का हिस्सा रहा है।
जुनैद के मोबाइल से मिला सुराग, तस्वीर से पहचान
NIA सूत्रों के मुताबिक, पहलगाम हमले के बाद बरामद एक मारे गए आतंकी जुनैद के मोबाइल से कई संदिग्धों की तस्वीरें मिली थीं। इन्हीं में से एक तस्वीर सुलेमान शाह की थी, जिसे अब पीड़ित परिवारों ने पहचान भी लिया है। तस्वीर में अन्य चर्चित आतंकी जैसे हाशिम मूसा, तल्हा भाई और जुनैद शामिल थे। बताया जा रहा है कि तीनों हमलावरों में से बाकी दो आतंकियों के नामों का फिलहाल खुलासा नहीं किया गया है, पर वे भी पाकिस्तानी नागरिक हैं।
दो स्थानीय मददगारों की गिरफ्तारी, दिया था पनाह
22 अप्रैल को हुए हमले में कुल 26 पर्यटकों की जान गई थी। NIA की जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार परवेज और बशीर ने हमले से पहले तीनों आतंकियों को जानबूझकर हिल पार्क क्षेत्र की एक झोपड़ी में पनाह दी थी। उन्होंने आतंकियों को खाना, शरण और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराईं। जांच एजेंसी का मानना है कि दोनों आरोपी लश्कर-ए-तैयबा से सहानुभूति रखते हैं और आतंकियों के साथ नियमित संपर्क में थे।
रिमांड पर लेकर पूछताछ और हाइडआउट की तलाश
NIA ने दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, रिमांड के दौरान जांच एजेंसी आतंकियों के हाइडआउट की लोकेशन, भागने के रास्ते, और स्थानीय संपर्कों का पता लगाने की कोशिश करेगी। संभव है कि आने वाले दिनों में कश्मीर में कई और गिरफ्तारियां हों।

हमले के बाद भारत ने किया था जवाबी प्रहार – ऑपरेशन सिंदूर
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पीओके और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर जोरदार एयरस्ट्राइक की थी। इसमें 9 आतंकी अड्डों को निशाना बनाया गया था, जिसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए। सूत्रों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और 4 शीर्ष सहयोगी भी मारे गए थे। वायुसेना ने इस कार्रवाई में 24 मिसाइलें दागीं, जिससे आतंकी नेटवर्क को भारी नुकसान पहुंचा।
धार्मिक पहचान के आधार पर हमला, टूरिज्म पर गहरा असर
हमले के बाद से पहलगाम सहित पूरे दक्षिण कश्मीर क्षेत्र में पर्यटन उद्योग पर बुरा असर पड़ा है। हमले में आतंकियों ने पर्यटकों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया था, जिससे देशभर में रोष और आक्रोश फैल गया। इस हमले को नागरिकों पर सुनियोजित हमला माना गया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी आलोचना हुई। जांच एजेंसियों को अब उम्मीद है कि सुलेमान शाह और अन्य दो आतंकियों की पहचान व लोकेशन मिलने के बाद इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में बड़ी सफलता मिल सकती है।