वाशिंगटन/तेहरान।
मध्य-पूर्व में युद्ध की आग और भड़क गई है। ईरान और इस्राइल के बीच जारी टकराव में अब अमेरिका ने सीधे हस्तक्षेप करते हुए ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर हमला कर उन्हें नष्ट करने का दावा किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार सुबह यह घोषणा की और इसे अमेरिका की निर्णायक कार्रवाई बताया। ट्रम्प के मुताबिक, अमेरिकी वायुसेना के B-2 बमवर्षक विमानों ने फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान स्थित ईरानी परमाणु अड्डों को 180 सेकंड के भीतर निशाना बनाकर तबाह कर दिया।
यह कार्रवाई ऐसे समय हुई है जब इस्राइल और ईरान के बीच पिछले एक सप्ताह से लगातार हवाई हमले और जवाबी कार्रवाई हो रही है। अमेरिका के सीधे हमले से इस युद्ध का दायरा अब वैश्विक संकट की ओर बढ़ता दिख रहा है।
तीनों परमाणु अड्डों पर अमेरिकी हमला
ट्रम्प ने दावा किया कि फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान की परमाणु साइट्स को अमेरिका ने पूरी तरह नष्ट कर दिया है।
- फोर्डो, जो ईरान के पर्वतीय क्षेत्र में जमीन से 295 फीट नीचे एक बंकरनुमा गहराई में बना हुआ था, अब अस्तित्व में नहीं है।
- यह वही अड्डा है जिसे वायुसेना से अजेय माना जाता था।
- नतांज़ और इस्फ़हान में भी ईरान की संवेदनशील परमाणु गतिविधियां संचालित होती थीं।
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने इन हमलों को एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि) और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताते हुए अमेरिका और IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) की चुप्पी को ‘मिलीभगत’ करार दिया है।

B-2 बमवर्षक: अदृश्य और अजेय
अमेरिका ने इस हमले में जिन B-2 स्पिरिट बमवर्षकों का इस्तेमाल किया, वे दुनिया के सबसे घातक और रेडार से अदृश्य (stealth) विमान हैं।
- ये विमान पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जा सकते हैं।
- B-2 एक बार में 40,000 पाउंड तक पेलोड ले जाने में सक्षम हैं।
- इसकी गुप्त गति और कम ऊंचाई पर उड़ान की क्षमता ने फोर्डो जैसे गहराई में छिपे अड्डे को भी मिटा दिया।
इस्राइली हमलों में 865 की मौत, 3,000 से ज्यादा घायल
इस बीच, इस्राइल के हमलों में ईरान को भारी जनहानि झेलनी पड़ी है।
- अब तक 865 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें 363 आम नागरिक और 215 सुरक्षा बल के जवान हैं।
- 3,396 लोग घायल बताए जा रहे हैं।
- अकेले शनिवार को ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 400 मौतों और 3,000 से अधिक घायलों की पुष्टि की।
‘ईरान को अब कुछ नहीं बचा’: आतंक विश्लेषक
अमेरिकी आतंक वित्त विशेषज्ञ जोनाथन शैन्जर ने कहा कि ईरान ने अपनी वायुसेना, परमाणु सुविधाएं और हवाई सुरक्षा पूरी तरह गंवा दी है। अब उनके पास कुछ बचे-खुचे मिसाइल शस्त्रागार के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा—
“ट्रम्प अब ईरान से पूर्ण और संपूर्ण आत्मसमर्पण की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक ईरानी शासन इसके लिए तैयार नहीं दिखता।”
इस्लामी देशों की चुप्पी पर सवाल
ईरान, जो खुद को 1979 की इस्लामिक क्रांति का केंद्र मानता है, आज संघर्ष की स्थिति में अकेला खड़ा दिख रहा है।
- न तो पाकिस्तान और न ही तुर्किए जैसे इस्लामी देश आगे आए हैं।
- यह सवाल उठने लगा है कि जब यहूदी बहुल इस्राइल के खिलाफ एक शिया देश जूझ रहा है, तब इस्लामी एकता कहां है?
हवाई क्षेत्र बंद, वैश्विक संकट की ओर बढ़ा युद्ध
इस्राइल ने सुरक्षा कारणों से अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह बंद कर दिया है। आने-जाने वाली सभी उड़ानों को स्थगित कर दिया गया है। अमेरिका द्वारा शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को किए गए इन हमलों के बाद पश्चिम एशिया में तनाव अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच चुका है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!