पचमढ़ी/पिपरिया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को एक बार फिर मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पचमढ़ी पहुंचे। यह दौरा विशेष रूप से पचमढ़ी के पर्यटन स्थलों के उन्नयन और विकास कार्यों की समीक्षा के लिए है। जून महीने में यह उनका तीसरा दौरा है, जो बताता है कि मुख्यमंत्री पचमढ़ी को लेकर बेहद गंभीर हैं और इसे एक प्रगतिशील पर्यटन हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं।
खराब मौसम बना बाधा, हेलीकॉप्टर पिपरिया में उतरा
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम पहले भोपाल से पचमढ़ी तक हेलीकॉप्टर से सीधे पहुंचने का था, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से उनका हेलीकॉप्टर पिपरिया हेलीपैड पर उतारा गया। इसके बाद मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से पचमढ़ी के लिए रवाना हुए। उनके दौरे को देखते हुए शनिवार रात से ही प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया था और तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।
सुबह से ही प्रशासनिक अमला और सुरक्षा बल पचमढ़ी रवाना हो चुका था। स्थानीय पुलिस लाइन से अतिरिक्त फोर्स भी तैनात किया गया है ताकि मुख्यमंत्री की यात्रा और बैठकें सुचारू रूप से संपन्न हो सकें।
पर्यटन स्थलों के उन्नयन पर बैठक
पचमढ़ी पहुंचकर मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों के उन्नयन और प्रस्तावित कार्य योजनाओं की समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक में स्थानीय अफसर, पर्यटन विभाग के प्रतिनिधि, जिला प्रशासन के अधिकारी और पचमढ़ी विकास से जुड़े अन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में स्थानीय इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटक सुविधाएं, पर्यावरणीय संरक्षण और निवेश संभावनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा होगी।
पचमढ़ी प्रवास के दौरान आत्मीयता का दृश्य: सड़क किनारे आम बेचती महिलाओं से आम ख़रीदते मुख्यमंत्री
पचमढ़ी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने ताज़ा पचमढ़ी प्रवास के दौरान केवल योजनाओं और बैठकों तक सीमित नहीं रहे। रविवार को उनका एक आत्मीय क्षण सभी के दिलों को छू गया, जब उन्होंने पचमढ़ी की सड़क किनारे बैठीं स्थानीय महिला विक्रेताओं से आम खरीदे। यह दृश्य न केवल आत्मीयता भरा था, बल्कि उनके उस दृष्टिकोण को भी दर्शाता है जो आत्मनिर्भरता, ग्रामीण सशक्तिकरण और मानवीय संवाद पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने इन महिलाओं से बात की, उनके कामकाज और आमदनी के बारे में जाना, और उन्हें प्रोत्साहित भी किया। उन्होंने कहा—
“बहनें आत्मनिर्भर बन रही हैं… बच्चे स्कूल जा रहे हैं… यही हमारा ध्येय है, और हम इसे साकार कर रहे हैं।”
यह एक ऐसा पल था जब एक मुख्यमंत्री अपने कार्यक्रमों के बीच आम लोगों से सीधे जुड़ते हुए नजर आए। बिना किसी औपचारिकता या मंच के, आमजन से संवाद और उनकी मेहनत की सराहना — यह वह प्रशासनिक शैली है जो जनमानस से सीधा संबंध स्थापित करती है।
बहनें आत्मनिर्भर बन रही हैं..
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 22, 2025
बच्चे स्कूल जा रहे हैं..
यही हमारा ध्येय है, हम साकार कर रहे हैं।
पचमढ़ी प्रवास के दौरान आत्मीयता के क्षण। pic.twitter.com/Mv6jxp6mEw

मुख्यमंत्री के साथ उनका परिवार भी पचमढ़ी पहुंचा है। संभावना है कि वे यहां रात्रि विश्राम भी करेंगे।

जून में तीसरा पचमढ़ी दौरा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह दौरा जून महीने में तीसरा पचमढ़ी प्रवास है।
- 3 जून को उन्होंने कैबिनेट बैठक यहीं आयोजित की थी, जिसमें राज्य के कई बड़े फैसले लिए गए थे।
- 14 जून को वे विधायक-सांसद प्रशिक्षण सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे, जिसमें तीन दिन का कार्यक्रम था। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यहां सुबह योग भी किया था और स्थानीय युवाओं से संवाद भी स्थापित किया था।
इन लगातार दौरों से साफ है कि मुख्यमंत्री पचमढ़ी को केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि नए मप्र की विकास दृष्टि से जोड़कर देख रहे हैं। उनका उद्देश्य इस हिल स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर विकसित करना है, जिससे रोजगार, व्यापार और पर्यटन तीनों क्षेत्रों में नया आयाम जुड़ सके।

पर्यटन की संभावनाओं को मिल सकता है नया आधार
पचमढ़ी अपनी प्राकृतिक सुंदरता, गुफाओं, झरनों और हरियाली के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। लेकिन वर्षों से यहां के विकास कार्य अधूरे या धीमी गति से चलते रहे हैं। मुख्यमंत्री यादव के सक्रिय हस्तक्षेप से अब इस क्षेत्र में तेजी से कार्यान्वयन की उम्मीद की जा रही है। बैठक में बुनियादी ढांचे जैसे सड़कों, होटलों, टूरिस्ट गाइड नेटवर्क, पर्यावरण-संरक्षण और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी चर्चा होने की संभावना है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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