July 4, 2025 11:49 PM

भारत-पाक संघर्षविराम में भूमिका पर ट्रम्प को नोबेल के लिए पाकिस्तान ने किया नॉमिनेट

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जनरल मुनीर से मुलाकात और ट्रम्प के दावे के बाद अमेरिका-पाक संबंधों में दिखा नया मोड़

इस्लामाबाद/वॉशिंगटन।
भारत-पाकिस्तान के हालिया युद्ध संकट को टालने में निभाई गई कथित कूटनीतिक भूमिका के लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पाकिस्तान ने 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामांकित किया है। इस घोषणा के साथ ही दक्षिण एशिया में शांति के प्रयासों पर एक नई बहस छिड़ गई है, जिसमें ट्रम्प को एक निर्णायक मध्यस्थ के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

पाकिस्तानी सरकार ने शुक्रवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा,

“भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के दौरान ट्रम्प प्रशासन की मध्यस्थता से क्षेत्र एक बड़े युद्ध से बचा। दोनों न्यूक्लियर ताकतों के बीच टकराव की आशंका थी, जिसे ट्रम्प की पहल ने टाल दिया।”


🕊️ कश्मीर पर ट्रम्प की पेशकश को भी सराहा गया

बयान में पाकिस्तान ने विशेष रूप से कश्मीर मसले पर ट्रम्प द्वारा की गई मध्यस्थता की पेशकश को सकारात्मक बताते हुए कहा कि

“जब तक कश्मीर का समाधान नहीं निकलता, तब तक दक्षिण एशिया में स्थायी शांति की कल्पना नहीं की जा सकती। ट्रम्प ने इस मुद्दे को समझदारी से वैश्विक एजेंडे पर लाने की कोशिश की।”


🗨️ ट्रम्प बोले— “मैं कितनी भी शांति लाऊं, नोबेल नहीं मिलेगा”

इस बीच, ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,

“मैंने भारत-पाकिस्तान युद्ध टालने में मदद की, ईरान-इजराइल और रूस-यूक्रेन संघर्षों को कम करने की दिशा में काम किया, फिर भी मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा।”

उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मिलकर कांगो-रवांडा संघर्ष को भी शांतिपूर्ण समझौते तक पहुंचाया।

“ये दशकों पुराना रक्तरंजित विवाद था, लेकिन मीडिया में इस पर कोई चर्चा नहीं होती,” उन्होंने लिखा।


🤝 ट्रम्प और जनरल मुनीर की ऐतिहासिक बैठक

इस घटनाक्रम के पीछे अहम कड़ी बनी पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल आसिम मुनीर की व्हाइट हाउस में ट्रम्प से हुई बैठक। यह पहली बार था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख को व्हाइट हाउस में लंच के लिए आमंत्रित किया।

व्हाइट हाउस प्रवक्ता एना केली के मुताबिक,

“मुनीर ने भारत-पाक युद्ध के समय ट्रम्प के हस्तक्षेप को निर्णायक बताते हुए कहा कि उनके कारण ही संघर्षविराम संभव हो पाया। इसी सम्मान में ट्रम्प ने उन्हें निजी भोज पर आमंत्रित किया।”


📞 ट्रम्प-मोदी वार्ता और भारतीय पक्ष की स्थिति

हालांकि, भारत सरकार का रुख इससे अलग है। शुक्रवार को ट्रम्प और जनरल मुनीर की मुलाकात से कुछ घंटे पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प से फोन पर 35 मिनट लंबी बातचीत की, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि

“7 से 10 मई के बीच चले ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं की आपसी सैन्य बातचीत से संघर्षविराम हुआ, न कि किसी बाहरी मध्यस्थता के कारण।”


🏆 नोबेल नामांकन प्रक्रिया और इतिहास

नोबेल शांति पुरस्कार 2026 के लिए औपचारिक नामांकन प्रक्रिया सितंबर 2025 से शुरू होगी। हालांकि, अंतिम तिथि अभी घोषित नहीं की गई है।

2025 के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2025 थी, जिसमें 338 नामांकन प्राप्त हुए थे (244 व्यक्ति और 94 संगठन)। यह संख्या 2016 के सर्वाधिक 376 नामांकन से कुछ कम है।


📌 विश्लेषण: पाकिस्तान की रणनीति और अमेरिका-पाक रिश्तों की नई दिशा

ट्रम्प को नोबेल के लिए नॉमिनेट करना सिर्फ कूटनीतिक बयान नहीं, बल्कि पाकिस्तान की विदेश नीति में एक बदलाव का संकेत भी है। इससे अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूती देने और खुद को वैश्विक मंच पर शांतिप्रिय राष्ट्र के रूप में पेश करने की कोशिश झलकती है। दूसरी ओर, भारत इसे अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में घरेलू मुद्दों के दखल के रूप में देख सकता है।


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