July 4, 2025 11:37 PM

7 साल बाद किसी भारतीय मंत्री की चीन यात्रा: राजनाथ सिंह एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में होंगे शामिल

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पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के समाधान के बाद नई कूटनीतिक शुरुआत, डोंग जून से होगी द्विपक्षीय वार्ता

नई दिल्ली/बीजिंग।
भारत और चीन के बीच रिश्तों में लंबे समय से चला आ रहा तनाव अब धीरे-धीरे कूटनीतिक संवाद में बदल रहा है। इसी क्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25 से 27 जून के बीच चीन के किंगदाओ शहर में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे। यह दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक है क्योंकि यह पिछले 7 वर्षों में किसी भी भारतीय मंत्री की पहली चीन यात्रा होगी।

इस बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी भाग लेंगे, जिससे भारत, चीन और पाकिस्तान—तीनों पड़ोसी देशों के रक्षा मंत्रियों के एक ही मंच पर मौजूद रहने के कूटनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।


2018 के बाद पहली उच्च स्तरीय चीन यात्रा

भारतीय मंत्री का चीन दौरा अंतिम बार अप्रैल 2018 में हुआ था, जब तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बीजिंग गई थीं। तब से भारत-चीन संबंधों में गिरावट आई, खासकर 2020 की गलवान घाटी की झड़प के बाद। अब जब सीमा विवाद के समाधान की दिशा में दोनों देशों ने बड़े कदम उठाए हैं, तो इस बैठक को “नई शुरुआत की कोशिश” माना जा रहा है।


राजनाथ सिंह की डोंग जून से द्विपक्षीय बातचीत होगी

इस यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी प्रस्तावित है। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर बातचीत की संभावना है:

  • वीजा नीति में बदलाव
  • कैलाश मानसरोवर यात्रा का सुचारु संचालन
  • साझा जल संसाधन डेटा
  • हवाई संपर्क और यातायात बहाली
  • सीमा प्रबंधन पर सहयोग

डोंग जून और राजनाथ सिंह की इससे पहले मुलाकात लाओस में ADMM-प्लस सम्मेलन में हुई थी, जो दोनों के बीच सीमा विवाद के बाद पहली सीधी मुलाकात थी।


2024 में हुआ था पूर्वी लद्दाख विवाद पर समझौता

भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों को लेकर 2020 से तनाव जारी था। लेकिन दिसंबर 2024 में दोनों देशों के बीच एक अहम समझौता हुआ, जिसमें तय हुआ कि दोनों सेनाएं अपने-अपने ठिकानों से पीछे हटेंगी और अप्रैल 2020 से पहले की गश्त व्यवस्था को बहाल किया जाएगा।

  • 18 अक्टूबर 2024: देपसांग और डेमचोक से पीछे हटने की योजना सार्वजनिक हुई।
  • 21 अक्टूबर 2024: नया पेट्रोलिंग समझौता हुआ, जिसमें तय किया गया कि झड़प टालने के लिए कमांडर स्तर की बैठकें नियमित होंगी।
  • 25 अक्टूबर 2024: ANI की रिपोर्ट के अनुसार दोनों सेनाओं ने अपने टेंट, अस्थायी ढांचे और साजो-सामान को वापस हटा लिया।

कैलाश मानसरोवर यात्रा और हवाई संपर्क बहाली पर भी चर्चा संभव

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में कैलाश मानसरोवर यात्रा के सुरक्षित संचालन को लेकर भी चर्चा हो सकती है। यह यात्रा हिंदू आस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे पिछले कुछ वर्षों में कोविड और सीमा विवाद के चलते रोका गया था। अब इसके दोबारा शुरू होने की संभावनाएं हैं।

साथ ही दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों की बहाली, व्यापार और पर्यटन की गतिविधियों को पुनर्जीवित करने की दिशा में भी इस यात्रा से नई राह खुल सकती है।


SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक के कूटनीतिक मायने

SCO में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। ऐसे में इस मंच पर भारत की उपस्थिति क्षेत्रीय संतुलन और रणनीतिक संवाद के लिहाज़ से अहम मानी जा रही है।

राजनाथ सिंह की यह यात्रा भारत के इस संदेश को भी पुष्ट करती है कि भारत न केवल क्षेत्रीय स्थिरता का पक्षधर है, बल्कि शांति के लिए संवाद को प्राथमिकता देता है।

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