July 4, 2025 11:51 PM

मनी लॉन्ड्रिंग केस में रॉबर्ट वाड्रा की ईडी के सामने पेशी, हथियार डीलर भंडारी से जुड़ा है मामला

  • रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निशाने पर हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और उद्योगपति रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निशाने पर हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया, जो कि कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ब्रिटेन के हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़ा है। पूरी कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत हो रही है। ईडी की जांच का यह दूसरा चरण है, जिसमें वाड्रा को विशेष रूप से लंदन स्थित एक संपत्ति को लेकर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

पहले पेशी से बचने का प्रयास या वैध कारण?

गौरतलब है कि ईडी ने इससे पहले 10 जून को भी वाड्रा को समन भेजा था, लेकिन तब उन्होंने पेश होने में असमर्थता जताई थी। वाड्रा के वकील ने सफाई दी थी कि उन्हें फ्लू के लक्षण थे और कोविड जांच भी करवाई गई थी। उन्होंने यह भी कहा था कि वाड्रा जांच से नहीं बच रहे हैं और देश से बाहर जाने से पहले या बाद में कभी भी सहयोग को तैयार हैं।

वाड्रा पर चल रही हैं कई जांचें


ईडी के अधिकारियों के अनुसार, रॉबर्ट वाड्रा पर तीन अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जांच जारी है। एक अन्य केस में, जिसमें हरियाणा में 2008 की एक विवादास्पद ज़मीन डील शामिल है, अप्रैल 2024 में उनसे तीन दिन तक पूछताछ की गई थी।

ईडी की चार्जशीट के प्रमुख बिंदु

ईडी द्वारा 2023 में दाखिल की गई चार्जशीट के अनुसार

  • संजय भंडारी ने वर्ष 2009 में लंदन के बेकर स्ट्रीट स्थित एक प्रॉपर्टी खरीदी थी।
  • आरोप है कि इस संपत्ति का नवीनीकरण रॉबर्ट वाड्रा के निर्देशों पर कराया गया और इसके लिए पैसा भी उन्हीं की ओर से आया।
  • चार्जशीट में इस सौदे को मनी लॉन्ड्रिंग की श्रेणी में रखा गया है।

रॉबर्ट वाड्रा की सफाई: ‘‘राजनीतिक साजिश का हिस्सा’’

रॉबर्ट वाड्रा ने इन सभी आरोपों को नकारते हुए कहा है कि ‘‘उनकी लंदन में कोई भी संपत्ति नहीं है’’। उन्होंने इस जांच को ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ और ‘‘छवि खराब करने की साज़िश’’ करार दिया है। वाड्रा का कहना है कि वह जांच में पूरा सहयोग देने को तैयार हैं लेकिन कानून का दुरुपयोग कर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।

राजनीतिक सरगर्मी तेज


चुनावी मौसम और संसद सत्र की आहट के बीच यह मामला राजनीतिक रूप से भी काफी अहम हो गया है। कांग्रेस इसे सत्ता पक्ष की प्रतिशोध की राजनीति बता रही है, वहीं भाजपा का दावा है कि कानून अपना काम कर रहा है। अब देखना यह है कि वाड्रा की यह पेशी किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या इससे कोई बड़ा खुलासा सामने आता है।

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