- एयर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट से जुड़ा है, जिसमें इंजन में खराबी आने के बाद यात्रियों को कोलकाता एयरपोर्ट पर उतारा गया
कोलकाता/लखनऊ । देश के दो अलग-अलग एयरपोर्ट्स पर दो दिन के भीतर हुई विमानन घटनाओं ने यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहला मामला एयर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट से जुड़ा है, जिसमें इंजन में खराबी आने के बाद यात्रियों को कोलकाता एयरपोर्ट पर उतारा गया। वहीं, दूसरा मामला लखनऊ एयरपोर्ट का है, जहां हज यात्रियों को लेकर आ रहा विमान लैंडिंग के वक्त चिनगारी छोड़ता दिखा।
कोलकाता में एयर इंडिया फ्लाइट की इमरजेंसी रोक
सैन फ्रांसिस्को से मुंबई जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI180 को मंगलवार सुबह कोलकाता एयरपोर्ट पर आपात रूप से रोका गया। यह विमान बोइंग 777-200LR (वर्ल्डलाइनर) था, जो 17 जून की रात 12:45 बजे कोलकाता पहुँचा था और वहां से मुंबई के लिए 2:00 बजे रवाना होना था। टेकऑफ की तैयारियों के दौरान विमान के बाएं इंजन में तकनीकी खराबी का पता चला। इसके बाद लगभग सुबह 5:20 बजे कैप्टन ने यात्रियों को फ्लाइट से बाहर निकलने का निर्देश दिया। एयर इंडिया प्रवक्ता के अनुसार, यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया। यात्रियों को कोलकाता में ही रोककर वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।
लखनऊ में हज फ्लाइट से उठी चिनगारी
इससे पहले रविवार सुबह लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर एक और चिंताजनक घटना सामने आई थी। सऊदी अरबिया एयरलाइंस की फ्लाइट SV-3112 जब हज यात्रियों को लेकर रनवे पर लैंड कर रही थी, उसी समय विमान के पिछले पहियों से चिंगारी और धुआं उठता दिखाई दिया। पायलट ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोल को अलर्ट किया और विमान को टैक्सी वे पर रोक दिया। एयरपोर्ट की फायर ब्रिगेड टीम ने समय रहते मौके पर पहुंचकर फोम और पानी का छिड़काव किया। इस प्रक्रिया में करीब 20 मिनट लगे और यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। यह विमान शनिवार रात 11:30 बजे जेद्दा से रवाना हुआ था और रविवार सुबह 6:30 बजे लखनऊ पहुंचा था। विमान में 250 यात्री और क्रू सदस्य सवार थे, जिनमें अधिकांश हज यात्री थे।
लगातार घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
दो दिनों में दो अलग-अलग एयरलाइनों की घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि तकनीकी निरीक्षण और मेंटेनेंस की प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) अब जांच शुरू करने की तैयारी में है। इन घटनाओं से न केवल यात्रियों में भय का माहौल बना है, बल्कि यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या तेजी से बढ़ते हवाई यातायात के बीच सुरक्षा मानकों से कोई समझौता तो नहीं हो रहा?