July 4, 2025 11:50 PM

भारत ने ईरान में रह रहे नागरिकों से तुरंत तेहरान छोड़ने को कहा

  • नेतन्याहू बोले- खामेनेई की मौत से खत्म होगी जंग, अमेरिका ने बढ़ाई सैन्य मौजूदगी

तेहरान/तेल अवीव। ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। युद्ध के पांचवें दिन हालात और भयावह हो गए हैं। भारत ने तेहरान में रह रहे अपने नागरिकों को तत्काल शहर छोड़ने और नजदीकी भारतीय दूतावास से संपर्क करने की सलाह दी है। यह एडवाइजरी तब आई है जब इजराइल ने सोमवार रात ईरानी राजधानी पर भीषण एयरस्ट्राइक की और अमेरिका ने भी तेहरान खाली करने की चेतावनी जारी की है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पहली बार खुलकर कहा है कि “जंग तब रुकेगी जब ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई को खत्म किया जाएगा। उनकी मौत ही शांति का मार्ग प्रशस्त करेगी।” नेतन्याहू का यह बयान इस बात की ओर संकेत कर रहा है कि इजराइल अब सीधे नेतृत्व पर हमले की योजना बना सकता है।

अब तक कितने जान-माल का नुकसान?

इजराइली हमलों में अब तक 224 ईरानी नागरिक मारे जा चुके हैं, जबकि 1,481 लोग घायल हैं। दूसरी ओर ईरान के जवाबी हमलों में इजराइल को भी क्षति हुई है – अब तक 24 नागरिकों की मौत हुई है और 600 से अधिक घायल हैं। इस आंकड़े से साफ है कि दोनों देशों के बीच सीधा टकराव अब पूरे क्षेत्र को युद्ध की आग में झोंक सकता है।

अमेरिका ने सैन्य ताकत बढ़ाई, यूरोप और मिडिल ईस्ट में भेजे टैंकर और वॉरशिप

अमेरिका ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए यूरोप और पश्चिम एशिया में अपनी सैन्य मौजूदगी को और मज़बूत कर लिया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने पुष्टि की है कि रविवार और सोमवार को अमेरिका ने दो दर्जन से ज्यादा एयर टैंकर विमान यूरोप भेजे हैं। ये विमान स्पेन, ग्रीस, इटली, स्कॉटलैंड और जर्मनी के एयरबेस पर पहुंच चुके हैं। इन विमानों में KC-135 स्ट्रैटो टैंकर और KC-46 पेगासस जैसे टैंकर्स शामिल हैं, जो हवा में ही फाइटर जेट्स को ईंधन भरने की क्षमता रखते हैं। इनके अलावा कुछ भारी मालवाहक विमान और युद्धपोत भी क्षेत्र में पहुंचाए गए हैं।

भारत की चिंता और राजनयिक सक्रियता

भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि तेहरान और अन्य ईरानी शहरों में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। दूतावास लगातार संपर्क में है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। इस बीच कई कश्मीरी छात्र जो तेहरान और इस्फहान में फंसे हुए थे, उन्हें भी सुरक्षित आर्मेनिया और जॉर्जिया सीमा की ओर निकाला गया है।

क्षेत्रीय शांति पर संकट

इस टकराव के चलते पूरे पश्चिम एशिया में अस्थिरता फैल रही है। लेबनान, सीरिया, यमन और इराक जैसे देशों में सक्रिय ईरान समर्थित गुटों ने भी युद्ध का संकेत दिया है। यदि यह संघर्ष और गहरा होता है, तो इसका असर वैश्विक तेल आपूर्ति, व्यापारिक मार्गों और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर पड़ना तय है।

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