- ब्लैक बॉक्स मिलने से अब यह उम्मीद की जा रही है कि इस भीषण दुर्घटना की असली वजह का जल्द खुलासा हो सकेगा
अहमदाबाद। 12 जून को हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में एक अहम मोड़ आ गया है। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) को अब कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) भी मिल गया है। इससे पहले फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) की बरामदगी हो चुकी थी। दोनों ब्लैक बॉक्स मिलने से अब यह उम्मीद की जा रही है कि इस भीषण दुर्घटना की असली वजह का जल्द खुलासा हो सकेगा।
अब तक 270 की मौत, जाँच में जुटे भारतीय और अमेरिकी एजेंसियां
गौरतलब है कि अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद मेघानीनगर स्थित मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में 270 यात्रियों की जान गई, जबकि दर्जनों घायल हुए। हादसे के कारणों को लेकर अब तक केवल अनुमान लगाए जा रहे थे, लेकिन CVR और FDR दोनों मिलने के बाद तकनीकी और मानवीय पक्षों की विस्तृत जांच संभव हो गई है।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने किया दौरा
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने रविवार को हादसे वाली जगह का दौरा किया और राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत और पुनर्वास कार्यों में कोई कोताही न बरती जाए।
केंद्र-राज्य की संयुक्त उच्च स्तरीय बैठक
पी.के. मिश्रा ने सर्किट हाउस में एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई, जिसमें AAIB, एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, DGCA, राज्य प्रशासन और गृह मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में हादसे से संबंधित तकनीकी, सुरक्षा और नीतिगत मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। बताया गया कि अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) भी अपनी ओर से जांच कर रहा है क्योंकि विमान अमेरिका निर्मित था।

ब्लैक बॉक्स से मिल सकते हैं जवाब
फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) में विमान के टेकऑफ, गति, ऊंचाई, इंजन प्रदर्शन और अन्य तकनीकी जानकारी होती है, जबकि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) में उड़ान के दौरान पायलट और सह-पायलट के बीच हुई बातचीत, अलर्ट्स और संभावित चेतावनियों की रिकॉर्डिंग होती है। इन दोनों डिवाइसेज़ के विश्लेषण से यह स्पष्ट होगा कि आखिरी क्षणों में विमान में क्या हुआ और हादसा तकनीकी खराबी, मानवीय भूल या मौसम की वजह से हुआ।
सरकार गंभीर, जांच की निगरानी शीर्ष स्तर पर
यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार इस हादसे को लेकर अत्यंत गंभीर है और खुद प्रधानमंत्री कार्यालय स्तर से इसकी निगरानी हो रही है। सरकार ने साफ कर दिया है कि चाहे पायलट प्रशिक्षण, विमान रखरखाव, एयर ट्रैफिक कंट्रोल प्रणाली या सुरक्षा SOPs हों—हर पहलू की पुनर्समीक्षा की जाएगी।