July 5, 2025 6:55 PM

कोलकाता के खिदिरपुर बाजार में भीषण आग: 1300 से अधिक दुकानें खाक, देर से पहुंची फायर ब्रिगेड पर उठे सवाल

  • आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते बाजार की 1300 से अधिक दुकानें और कई गोदाम जलकर पूरी तरह खाक हो गए

कोलकाता। कोलकाता के व्यस्ततम व्यापारिक केंद्रों में से एक खिदिरपुर बाजार रविवार देर रात भीषण अग्निकांड की चपेट में आ गया। आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते बाजार की 1300 से अधिक दुकानें और कई गोदाम जलकर पूरी तरह खाक हो गए। आग की लपटों ने इलाके को दहला दिया और व्यापारी वर्ग को भारी नुकसान झेलना पड़ा।

आग ने लिया विकराल रूप, दमकल की गाड़ियां पहुंचीं देर से

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बाजार में आग देर रात लगी और जैसे ही इसकी सूचना अग्निशमन विभाग को दी गई, लोग राहत की उम्मीद करने लगे। लेकिन दमकल की गाड़ियों के देर से पहुंचने का आरोप सामने आया है। इस देरी के चलते आग ने विकराल रूप ले लिया, जिससे बाजार के अंदर तक दमकलकर्मियों का पहुंचना कठिन हो गया। आग को काबू में करने के लिए 22 दमकल वाहन लगाए गए, जो घंटों तक आग बुझाने में जुटे रहे। लेकिन तब तक बाजार की अधिकांश दुकानें और स्टोरेज एरिया पूरी तरह राख में बदल चुके थे।

लाखों का माल राख, व्यापारियों में आक्रोश और पीड़ा

इस बाजार में ज्यादातर दुकानदार छोटे व्यापारी हैं, जिनकी आजीविका का एकमात्र सहारा यही दुकानें थीं। आग में जलने वाला माल करोड़ों रुपये का बताया जा रहा है। पीड़ित व्यापारियों ने न सिर्फ प्रशासन की सुस्ती पर सवाल उठाए हैं, बल्कि उचित मुआवजे की भी मांग की है।

आग लगने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं

कोलकाता पुलिस और अग्निशमन विभाग ने मौके पर जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक आग लगने की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। प्रारंभिक तौर पर शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है, लेकिन कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

प्रशासन सतर्क, लेकिन राहत कार्यों की गति धीमी

कोलकाता नगर निगम और राज्य प्रशासन की टीमें मौके पर मौजूद हैं, लेकिन व्यापारियों का आरोप है कि राहत कार्यों में तेजी नहीं दिखाई जा रही। बाजार में कोई बड़ा हताहत नहीं हुआ है, लेकिन आर्थिक हानि भारी है।

ऐतिहासिक बाजार में लगातार सुरक्षा सवाल

खिदिरपुर बाजार कोलकाता का एक पुराना और घनी आबादी वाला बाजार है, जहां हर रोज़ हजारों की संख्या में ग्राहक आते हैं। यहां फायर सेफ्टी उपायों की कमी और संकरी गलियों के कारण समय-समय पर ऐसी घटनाएं होती रही हैं। यह हादसा एक बार फिर बाजार सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर रहा है।

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