July 4, 2025 12:13 PM

कोरोना से फिर बढ़ने लगी चिंता: जबलपुर में महिला की मौत, देश में 7,264 एक्टिव केस; 4 नए वैरिएंट की पुष्टि

  • मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक 27 वर्षीय महिला की डिलीवरी के एक दिन बाद कोविड संक्रमण से मौत हो गई

नई दिल्ली/जबलपुर/तिरुवनंतपुरम। देश में कोरोना वायरस एक बार फिर सतर्कता की मांग कर रहा है। लगातार दूसरे दिन कोविड से 10 से अधिक मौतें दर्ज की गई हैं। रविवार को केरल में सबसे अधिक 7 लोगों की मौत हुई, जबकि दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से 1-1 मौत की सूचना मिली। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक 27 वर्षीय महिला की डिलीवरी के एक दिन बाद कोविड संक्रमण से मौत हो गई। यह मामला एक बार फिर बताता है कि कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए संक्रमण जानलेवा हो सकता है।

देश में एक्टिव केस 7,264, केरल सबसे ज्यादा प्रभावित

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में फिलहाल 7,264 सक्रिय मामले हैं। केरल में सबसे ज्यादा 1,920 एक्टिव केस हैं, जबकि गुजरात में 1,433 और पश्चिम बंगाल में 747 मरीजों का इलाज चल रहा है। बीते 24 घंटों में कोई नया केस दर्ज नहीं हुआ, लेकिन 119 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं।

जनवरी 2025 से अब तक 108 मौतें, केंद्र सतर्क

कोरोना के नए वैरिएंट्स के कारण जनवरी 2025 से अब तक 108 मौतें हो चुकी हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि सभी जरूरी इंतजाम किए जा चुके हैं और हालात पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।

भारत में मिले कोविड-19 के चार नए वैरिएंट

ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत में कोरोना के चार नए वैरिएंट की पुष्टि हुई है—LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। इनमें NB.1.8.1 सबसे तेज़ी से फैलने वाला वैरिएंट माना जा रहा है। इसके स्पाइक प्रोटीन में A435S, V445H और T478I जैसे म्यूटेशन हैं, जो मौजूदा इम्यूनिटी को चकमा देने में सक्षम हैं। भारत में सबसे अधिक मामले JN.1 वैरिएंट के हैं—अब तक की टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल इसी के निकले हैं। इसके बाद BA.2 (26%) और ओमिक्रॉन सब-लाइनिज (20%) वैरिएंट सामने आए हैं।

WHO की चेतावनी: अभी चिंता नहीं, लेकिन निगरानी ज़रूरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन नए वैरिएंट्स को “वॉच लिस्ट” में रखा है यानी इन्हें फिलहाल गंभीर नहीं माना गया है, लेकिन नजर बनाए रखने की सलाह दी है। चीन और एशिया के कई हिस्सों में यही वैरिएंट तेज़ी से फैल रहे हैं।

सतर्कता की ज़रूरत, घबराने की नहीं

विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल अस्पतालों पर कोई असाधारण बोझ नहीं है, लेकिन इम्यूनो-कॉम्प्रोमाइज़्ड (जैसे बुज़ुर्ग, गर्भवती महिलाएं और गंभीर रोगियों) को सतर्क रहने की जरूरत है। वैक्सीनेशन और मास्क का उपयोग पुनः प्रासंगिक हो सकता है।

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