नई दिल्ली/लिमासोल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार देशों की कूटनीतिक यात्रा पर रविवार को जब साइप्रस पहुंचे, तो वहां उनका भव्य स्वागत किया गया। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस खुद एयरपोर्ट पर मौजूद रहे, जहां रेड कार्पेट बिछाकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया गया। उन्होंने पीएम मोदी का हाथ पकड़कर गर्मजोशी से अगवानी की, जो दोनों देशों के मजबूत रिश्तों का प्रतीक माना जा रहा है।
India looks forward to deepening friendship with Cyprus!
— Narendra Modi (@narendramodi) June 15, 2025
Here are highlights from the welcome today… pic.twitter.com/JOU7lzF9EJ
लिमासोल में भारतीयों से भेंट, बच्चों से बातचीत
एयरपोर्ट से सीधे पीएम मोदी साइप्रस के शहर लिमासोल पहुंचे, जहां होटल के बाहर बड़ी संख्या में मौजूद भारतीय समुदाय ने ‘भारत माता की जय’ के नारों से स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद बच्चों को स्नेहपूर्वक दुलार किया, हाथ मिलाए और प्रवासी भारतीयों से आत्मीय संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि “भारत विश्व के हर कोने में बसे अपने नागरिकों के गर्व और समर्थन से मजबूत होता है।”
भारत-साइप्रस व्यापार संबंधों को नई दिशा

प्रधानमंत्री मोदी और साइप्रस के राष्ट्रपति के बीच एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक भी हुई, जिसमें व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और रक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। इस बैठक में दोनों देशों के बिजनेस प्रतिनिधि भी शामिल हुए। चर्चा में इनोवेशन, फिनटेक, ग्रीन एनर्जी और टूरिज्म जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई।
Ευχαριστώ την Ινδική κοινότητα για την αγάπη. Η Ινδία θα συνεχίζει τις προσπάθειες για την ενδυνάμωση των δεσμών της με την Κύπρο στο μέλλον. pic.twitter.com/6hHEf3jIj1
— Narendra Modi (@narendramodi) June 15, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा –
“मैं भारतीय समुदाय को उनके स्नेह और अपनत्व के लिए धन्यवाद देता हूं। भारत और साइप्रस के संबंध आने वाले समय में और प्रगाढ़ होंगे। हम साझा मूल्यों और हितों के आधार पर मिलकर काम करते रहेंगे।”
4 दिन की यात्रा में तय करेंगे 27 हजार किमी से अधिक का सफर
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा सिर्फ साइप्रस तक सीमित नहीं है। वह 15-16 जून को साइप्रस में रहेंगे, इसके बाद वे 16 और 17 जून को कनाडा के G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जहां भारत वैश्विक मुद्दों जैसे जलवायु परिवर्तन, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, आतंकवाद और इंडो-पैसिफिक रणनीति पर अपने विचार रखेगा। इसके बाद 18 जून को क्रोएशिया जाएंगे और 19 जून को भारत लौटेंगे।
इस चार दिवसीय दौरे में प्रधानमंत्री कुल 27,745 किलोमीटर का अंतरराष्ट्रीय दौरा करेंगे, जो भारत की वैश्विक सक्रियता और कूटनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है।
रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई
साइप्रस भारत का यूरोपीय यूनियन में एक विश्वसनीय साझेदार है। दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में समझौते और सहयोग कार्यक्रम जारी हैं। इस यात्रा से उम्मीद की जा रही है कि द्विपक्षीय निवेश और डिफेंस कोऑपरेशन को नई दिशा मिलेगी। इसके अलावा प्रवासी भारतीयों के लिए वीजा सुविधा, शिक्षा व शोध के क्षेत्र में समझौतों पर भी बातचीत हुई है।