गाजियाबाद। पाँच वर्षों के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर कैलाश मानसरोवर यात्रा का आध्यात्मिक कारवां शुरू हो गया है। रविवार को गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित कैलाश मानसरोवर भवन से श्रद्धालुओं का पहला जत्था पारंपरिक धार्मिक वातावरण में रवाना हुआ। इस बार पहले जत्थे में 39 यात्री और दो लाइजनिंग अधिकारी शामिल हैं।
शिव वंदना से हुआ यात्रा का शुभारंभ
पूरे परिसर को भक्ति और शिव आराधना के सुरों से सजाया गया था। डमरू, मृदंग, तुरही और ढोलक की थाप पर शिव नाम का गूंजता वातावरण श्रद्धालुओं को गहराई तक भावविभोर करता रहा। हर ओर ‘हर-हर महादेव’ और ‘बम-बम भोले’ के जयघोष सुनाई दे रहे थे। विशेष पूजा-अर्चना के साथ यात्रियों को रवानगी से पहले विधिवत आशीर्वाद और मंगलकामनाएं दी गईं।

मंत्री जयवीर सिंह ने दिखाई हरी झंडी
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने यात्रियों की बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने इसे सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण का ऐतिहासिक क्षण बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों को इसके लिए श्रेय दिया। मंत्री ने कहा, “धार्मिक पर्यटन के पुनर्जीवन और तीर्थयात्रियों की सुविधा में योगी सरकार लगातार ऐतिहासिक कार्य कर रही है।”

जनप्रतिनिधियों ने जताया गर्व
कार्यक्रम में उपस्थित सांसद अतुल गर्ग और कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने भी तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दीं। शर्मा ने इस बात पर गर्व जताया कि उनके क्षेत्र में स्थित कैलाश भवन से यात्रा की शुरुआत हो रही है।

कुछ यात्रियों ने स्थगित की यात्रा
यात्रा के लिए कुल 46 यात्रियों ने पंजीयन कराया था, लेकिन कुछ श्रद्धालुओं ने स्वास्थ्य कारणों से अपनी यात्रा फिलहाल स्थगित कर दी। पहले जत्थे के साथ दो लाइजनिंग अधिकारी भी भेजे गए हैं, जो यात्रियों की हर ज़रूरत में मार्गदर्शन और सहायता देंगे।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश धर्मार्थ कार्य एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम, निदेशक संजय सिंह, पर्यटन निगम की एमडी सान्या छाबड़ा, जिलाधिकारी दीपक मीणा, काशी धाम मंदिर न्यास के सीईओ विश्व भूषण मिश्र समेत अनेक वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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