नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़ी तीन अहम आर्थिक रिपोर्टों ने बाजार और नीति निर्माताओं का ध्यान आकर्षित किया है। एक ओर जहां शेयर बाजार की बड़ी कंपनियों का लाभ सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुपात में ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है, वहीं दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन करने वालों पर आयकर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी बीच देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी रिकॉर्ड ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है।
📈 निफ्टी-500 कंपनियों का लाभ GDP के अनुपात में 4.7% पर
वित्तीय वर्ष 2024-25 में निफ्टी-500 कंपनियों का लाभ देश की जीडीपी के मुकाबले 4.7% तक पहुंच गया है, जो बीते 17 वर्षों का उच्चतम स्तर है। वहीं, अगर सभी सूचीबद्ध कंपनियों को देखा जाए तो यह अनुपात 5.1% है, जो कि 14 वर्षों में सबसे अधिक है।
यह आंकड़ा मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की ताज़ा रिपोर्ट से सामने आया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, लाभ में यह वृद्धि अनेक क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से संभव हुई है। खास बात यह रही कि दूरसंचार क्षेत्र, जो पिछले सात वर्षों से जीडीपी लाभ में ऋणात्मक योगदान दे रहा था, अब सकारात्मक हो गया है।
अन्य योगदान देने वाले प्रमुख क्षेत्र:
- सरकारी बैंक: 0.07%
- स्वास्थ्य सेवा: 0.04%
- उपभोक्ता वस्तुएं: 0.04%
- मेटल: 0.03%
- बुनियादी ढांचा: 0.20%
हालांकि कुछ क्षेत्रों में गिरावट भी दर्ज की गई, जिसमें तेल-गैस क्षेत्र ने 0.28% का नकारात्मक योगदान दिया। वाहन उद्योग में 0.03% और सीमेंट सेक्टर में 0.02% की गिरावट रही।

🧾 क्रिप्टो लेन-देन करने वालों पर आयकर विभाग की नज़र
आयकर विभाग ने उन करदाताओं को ई-मेल भेजना शुरू कर दिया है, जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन तो किया है, लेकिन उसे आयकर रिटर्न में घोषित नहीं किया।
यह कार्रवाई आकलन वर्ष 2023-24 और 2024-25 के संदर्भ में की गई है। विभाग को यह जानकारी मिली है कि कई लोग आभासी डिजिटल संपत्तियों (VDA) जैसे क्रिप्टो में निवेश करके अवैध कमाई को वैध दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
गौरतलब है कि आयकर अधिनियम की धारा 115BBH के अनुसार, क्रिप्टो लेन-देन से हुई आय पर 30% कर देना अनिवार्य है। इसके अलावा स्रोत पर 1% टीडीएस की कटौती का भी प्रावधान है।
आयकर विभाग का संदेश साफ है – पारदर्शिता दिखाएं, अद्यतन ITR भरें, नहीं तो कार्रवाई तय है।

💰 विदेशी मुद्रा भंडार में 5.17 अरब डॉलर की बढ़ोतरी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट के अनुसार, 6 जून 2025 को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.17 अरब डॉलर बढ़कर 696.65 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो निकट भविष्य में 700 अरब डॉलर को छू सकता है।
विस्तृत आंकड़े इस प्रकार हैं:
- विदेशी मुद्रा संपत्तियां: 3.47 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 587.68 अरब डॉलर
- स्वर्ण भंडार: 1.58 अरब डॉलर की वृद्धि, अब 85.88 अरब डॉलर
- विशेष निकासी अधिकार (SDRs): 10.2 करोड़ डॉलर की बढ़त के साथ 18.6 अरब डॉलर
यह विदेशी मुद्रा भंडार भारत को वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आत्मनिर्भरता और स्थिरता प्रदान करता है।
इन तीनों खबरों से यह स्पष्ट है कि भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होती जा रही है, लेकिन सरकार टैक्स अनुपालन को लेकर सख्ती भी बरत रही है। निवेशकों और करदाताओं को अब पारदर्शिता और जागरूकता के साथ कदम बढ़ाने की ज़रूरत है।

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