- बाबा केदारनाथ के दर्शन करने वालों की संख्या 10 लाख पार कर चुकी है
- केदारनाथ धाम के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी दर्शन संख्या भी मानी जा रही
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के पवित्र केदारनाथ धाम में इस वर्ष आस्था और भक्ति का अभूतपूर्व संगम देखने को मिल रहा है। चारधाम यात्रा की शुरुआत से लेकर अब तक बाबा केदारनाथ के दर्शन करने वालों की संख्या 10 लाख पार कर चुकी है। यह न केवल इस साल की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा बन गई है, बल्कि केदारनाथ धाम के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी दर्शन संख्या भी मानी जा रही है।
दिन-रात जारी है बाबा केदार के दर्शन
2 मई को बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद से ही श्रद्धालुओं का निरंतर सैलाब उमड़ रहा है। हर दिन हजारों श्रद्धालु कठिन पहाड़ी रास्तों को पार कर बाबा के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिर परिसर में हर शाम की आरती एक दिव्य आयोजन बन गया है, जिसमें हज़ारों भक्त एक साथ ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से वातावरण को गूंजायमान कर देते हैं।
टोकन सिस्टम ने दर्शन को बनाया सुगम
इस बार प्रशासन ने यात्रा को सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किए हैं। टोकन सिस्टम लागू होने के बाद श्रद्धालुओं को अब गर्भगृह तक पहुंचने में कम समय लग रहा है, जिससे उन्हें लम्बी लाइन में इंतजार नहीं करना पड़ रहा। इससे दर्शन की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक संतुलित और आरामदायक हो गई है।
सुविधाओं में बड़ा सुधार
कठिन भूगोल और बदलते मौसम के बावजूद जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य सेवाएं, जलापूर्ति, पैदल मार्ग की मरम्मत, टेंट कॉलोनी और साफ-सफाई जैसी सुविधाएं बेहतर की गई हैं। हेल्थ कैंप, मोबाइल मेडिकल यूनिट और हॉट वाटर प्वाइंट्स जैसी सेवाएं तीर्थयात्रियों के लिए राहत लेकर आई हैं।
भक्तों की आस्था पर मौसम भी भारी नहीं
बारिश, बर्फबारी और ठंडे तापमान जैसी मौसमीय चुनौतियां भी श्रद्धालुओं की आस्था को कम नहीं कर पा रही हैं। लोग दिन-रात बाबा के दर्शन को आतुर हैं और लगातार मंदिर तक पहुंच रहे हैं। मंदिर चौबीसों घंटे खुला रखा गया है, ताकि कोई भी भक्त दर्शन से वंचित न रह जाए।
अब तक की सबसे रिकॉर्ड ब्रेकिंग यात्रा
प्रशासन और तीर्थ विकास परिषद के आंकड़ों के अनुसार, इस बार की यात्रा अब तक की सबसे बड़ी केदारनाथ यात्रा बन चुकी है। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में 30-40% तक की वृद्धि दर्ज की गई है। इस अभूतपूर्व श्रद्धालु उमड़ को संभालने के लिए पुलिस, SDRF और स्वयंसेवकों की टीम लगातार सेवा में जुटी हुई है।