नई दिल्ली/तेहरान।
पश्चिम एशिया में तनाव की लपटें और तेज़ हो गई हैं। इजराइल ने ईरान के खिलाफ एक और बड़ा सैन्य हमला करते हुए राजधानी तेहरान समेत इस्फहान और फोर्डो जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में एयरस्ट्राइक की है। शुक्रवार देर रात और शनिवार सुबह तक चले इस हमले में ईरान के न्यूक्लियर और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया।
यह हमला ऐसे वक्त पर हुआ है जब पहले ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। ईरान की सेना और उसकी न्यूक्लियर क्षमताएं लंबे समय से इजराइल के निशाने पर हैं, लेकिन इस बार की कार्रवाई को रणनीतिक रूप से सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
200 इजराइली फाइटर जेट्स की बमबारी, 78 की मौत
इजराइल ने शनिवार तड़के करीब 200 फाइटर जेट्स से एक समन्वित कार्रवाई में ईरान के चार प्रमुख न्यूक्लियर केंद्रों और दो सैन्य अड्डों को निशाना बनाया। सूत्रों के मुताबिक इस हमले में अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है और 329 से अधिक घायल हैं।
मरने वालों में ईरान के छह परमाणु वैज्ञानिक, 20 सैन्य अफसर, चार टॉप मिलिट्री कमांडर और IRGC (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) के शीर्ष कमांडर हुसैन सलामी भी शामिल हैं। ईरानी सरकारी मीडिया ने सलामी की मौत की पुष्टि की है।

परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका
हमले में जिन दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हुई है, वे थे:
- डॉ. मोहम्मद मेहदी तेहरांची
- डॉ. फरदून अब्बासी
दोनों लंबे समय से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गति देने में प्रमुख भूमिका निभा रहे थे। अल-जज़ीरा के अनुसार, इनकी मौत से ईरानी न्यूक्लियर कार्यक्रम को गहरा धक्का लगा है।
ईरान का पलटवार: 100 मिसाइलें दागीं
हमले के तुरंत बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 100 बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल की ओर दागी हैं। इससे पहले शुक्रवार को भी ईरान ने 100 से अधिक ड्रोन से हमला करने की कोशिश की थी, जिसे इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने नाकाम कर दिया था।
इजराइली रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि देश की आयरन डोम प्रणाली ने अधिकतर मिसाइलों और ड्रोन्स को हवा में ही नष्ट कर दिया।
नेतन्याहू ने पीएम मोदी से की बात, ट्रंप और पुतिन से करेंगे संपर्क
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर मिडिल ईस्ट के हालात की जानकारी दी। नेतन्याहू अब जल्द ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी संपर्क करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक नेतन्याहू ने पीएम मोदी से भारत की भूमिका को “स्थिरता लाने वाली ताकत” बताया और समर्थन की उम्मीद जताई।

ईरान की चेतावनी: बदला जरूर लिया जाएगा
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि,
“हमारी सेना इजराइल को सजा दिए बिना नहीं जाने देगी। यह सिर्फ शुरुआत है।”
ईरानी संसद में भी इस कार्रवाई के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई और युद्ध जैसे हालात की तैयारी शुरू कर दी गई है।
स्थिति का विश्लेषण: युद्ध की दहलीज़ पर खड़ा मिडिल ईस्ट
इजराइल की इस कार्रवाई से ईरान का सामरिक ढांचा बुरी तरह प्रभावित हुआ है। विशेष रूप से न्यूक्लियर कार्यक्रम को नुकसान पहुंचाकर इजराइल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह ईरान के बढ़ते प्रभाव को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा।
दूसरी ओर, ईरान की जवाबी कार्रवाई यह संकेत देती है कि वह अब पूरी ताकत से मैदान में उतरने को तैयार है। यह टकराव अब केवल दो देशों के बीच नहीं रह गया है, बल्कि इसका असर पूरी दुनिया की भू-राजनीतिक स्थिरता पर पड़ सकता है।
- स्वदेश ज्योति के द्वारा
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