खंड318 किमी नेटवर्क विस्तार से जुड़े 28 लाख लोग, माल-यात्रा परिवहन होगा तेज़
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रेलवे की गति और पहुंच को बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने बुधवार को 6,405 करोड़ रुपये की लागत से दो मल्टीट्रैकिंग (लाइन दोहरीकरण) परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ये परियोजनाएं झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के 1,408 गांवों को बेहतर रेल संपर्क प्रदान करेंगी और भारतीय रेलवे के नेटवर्क में कुल 318 किलोमीटर की वृद्धि करेंगी।
प्रोजेक्ट 1: कोडरमा–बरकाकाना सेक्शन
इस परियोजना के तहत झारखंड में 133 किलोमीटर लंबे कोडरमा-बरकाकाना रेलखंड का दोहरीकरण किया जाएगा, जिस पर कुल 3,063 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह क्षेत्र देश के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्रों में शामिल है और पटना-रांची के बीच सबसे छोटा और व्यस्त रेल मार्ग है।
लाइन के दोहरीकरण से न केवल यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि कोयला और अन्य मालगाड़ियों की आवाजाही में भी तेज़ी आएगी। हजारीबाग, कोडरमा, रामगढ़ और छतरा जैसे जिलों को भी सीधा लाभ मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी के साथ-साथ रोज़गार के अवसर भी मिलेंगे।

प्रोजेक्ट 2: बल्लारी–चिकजाजुर सेक्शन
दूसरी परियोजना 185 किलोमीटर लंबी बल्लारी-चिकजाजुर लाइन का दोहरीकरण है, जो कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के चित्रदुर्ग, बल्लारी और अनंतपुर ज़िलों को जोड़ेगी। इस परियोजना की लागत 3,342 करोड़ रुपये तय की गई है। इससे दक्षिण भारत के औद्योगिक क्षेत्रों में माल और यात्री परिवहन की क्षमता में भारी इज़ाफा होगा।
इसके माध्यम से अनाज, खनिज और अन्य वस्तुओं का निर्बाध परिवहन संभव हो सकेगा और व्यापारिक गतिविधियां तेज़ होंगी।
मजबूत भारत की ओर एक कदम
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा कि इन परियोजनाओं के पूरा होने पर रेलवे की सालाना 49 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता विकसित होगी। इससे न केवल रेलवे संचालन और समयबद्धता सुधरेगी, बल्कि ग्रामीण विकास को भी नया बल मिलेगा।
सरकार का मानना है कि यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक ठोस आधार तैयार करेगा।
असर और लाभ:
- 1,408 गांवों को मिलेगा सीधा लाभ
- 28 लाख की आबादी की कनेक्टिविटी में सुधार
- माल और यात्री ट्रेनों की संख्या में इज़ाफा
- औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर लॉजिस्टिक सपोर्ट
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार और व्यापार के अवसर
इन दोनों योजनाओं से यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार रेलवे को सिर्फ एक यातायात साधन नहीं, बल्कि आर्थिक प्रगति का इंजन मान रही है — और इसे भविष्य के भारत की रीढ़ बनाने के लिए पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ रही है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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