राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर भावनात्मक उपहार, गड़करी ने की घोषणा
नई दिल्ली। भारत के प्रख्यात संगीतकार और पद्मश्री सम्मानित गायक शंकर महादेवन अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रेरणादायक गीतों को नई धुन और ताल में प्रस्तुत करेंगे। यह संगीतबद्ध भेंट संघ के शताब्दी वर्ष (2025) के उपलक्ष्य में स्वयंसेवकों के लिए एक विशेष सांस्कृतिक उपहार होगी। इसकी घोषणा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में आयोजित एक पुस्तक विमोचन समारोह में की।
संघ गीतों की विरासत को नई पीढ़ी से जोड़ने की पहल
गडकरी ने बताया कि संघ के इतिहास में अनेक ऐसे गीत हैं जो न केवल देशभक्ति से ओतप्रोत हैं, बल्कि संगठन की भावनात्मक धरोहर भी हैं। संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्रीगुरुजी (माधव सदाशिव गोलवलकर) के निधन पर गाया गया गीत ‘शत नमन माधव चरण में’ आज भी लोगों को भावविभोर कर देता है। ऐसे ही गीतों को नई ध्वनि में संजोकर भावी पीढ़ी तक पहुंचाना आवश्यक है।

शंकर महादेवन ने स्वीकार किया अनुरोध
गडकरी ने बताया कि संघ के इन प्रेरणादायक गीतों को नई संगीतात्मक प्रस्तुति देने का अनुरोध उन्होंने स्वयं शंकर महादेवन से किया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया है। महादेवन 2023 में नागपुर में आयोजित संघ के स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि भी रह चुके हैं। उस अवसर पर उन्होंने स्वयंसेवकों की निस्वार्थ सेवा भावना की सराहना करते हुए कहा था—
“अगर हमारा देश एक गीत है, तो स्वयंसेवक उसकी सरगम हैं, जो गीत को जान देते हैं।”
गीतों के माध्यम से विचारधारा का भावनात्मक संप्रेषण
संघ से जुड़े गीतों को केवल शब्द नहीं बल्कि संघ की विचारधारा, देशभक्ति और सेवा भावना की लयबद्ध प्रस्तुति माना जाता है। अब जब शंकर महादेवन जैसे संगीतकार उन्हें संगीत की आधुनिक भाषा में पिरोने जा रहे हैं, तो यह प्रयास एक सांस्कृतिक नवाचार के रूप में देखा जा रहा है।
संगीत और विचार की संगम यात्रा
गडकरी ने यह भी सुझाव दिया कि संघ गीतों के रचनाकारों की पहचान, उनके समय और संदर्भों का इतिहास भी संकलित किया जाए, ताकि यह सांस्कृतिक धरोहर केवल भावनात्मक ही नहीं, शोध और अध्ययन का विषय भी बन सके।
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