- आह्वाहित देवताओं के पूजन के साथ प्रारंभ होंगे सामूहिक प्राण प्रतिष्ठा के विविध आयोजन
- गंगा दशहरा के दिन अभिजित मुहूर्त में सीएम योगी आदित्यनाथ विभिन्न देवों को करेंगे प्रतिष्ठित
- प्राण प्रतिष्ठा आज 5 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्पन्न होगी
अयोध्या। रामजन्मभूमि परिसर में आज से एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। गंगा दशहरा के पावन पर्व पर भगवान राम के भव्य दरबार के साथ अब अयोध्या धाम में शिव, गणेश, सूर्यदेव, मां दुर्गा, मां अन्नपूर्णा, हनुमान और लक्ष्मण जी भी स्थायी रूप से विराजमान होंगे। रामलला के दरबार को भव्यता देने वाले इन देवी-देवताओं की सामूहिक प्राण प्रतिष्ठा आज 5 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्पन्न होगी।
राम मंदिर परिसर में विराजेंगे ये देवता
- प्रथम तल पर राम दरबार
- परकोटे में: भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान सूर्यदेव, मां दुर्गा, मां अन्नपूर्णा, हनुमान जी
- दक्षिण-पश्चिम कोने में: शेषावतार लक्ष्मण जी
पूरे आयोजन के लिए अभिजित मुहूर्त में 11:25 से 11:40 बजे के बीच प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न की जाएगी। यह वही मुहूर्त है जब द्वापर युग की शुरुआत मानी जाती है। पूजा अनुष्ठान का नेतृत्व काशी के यज्ञाचार्य पं. जयप्रकाश त्रिपाठी करेंगे। उनके साथ 120 आचार्य मंत्रोच्चार करेंगे, जिनमें 100 अयोध्या से और 20 अन्य तीर्थ क्षेत्रों से हैं।
अनुष्ठानों की होगी विशेष श्रृंखला
- पूजन से पूर्व प्रत्येक देवता की गायत्री का जप
- रामरक्षास्तोत्र, आदित्य हृदयस्तोत्र, लंगूलोपनिषद, शंकर जी का अभिषेक, सप्तशती पाठ
- मुख्य यजमान: डॉ. अनिल कुमार मिश्र व पत्नी ऊषा मिश्र
- उनके साथ आरएसएस, विहिप और मंदिर निर्माण से जुड़े अनेक प्रमुख व्यक्ति यजमान रहेंगे
तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र में होगा भक्ति-आयोजन
- सुबह 6:30 से हनुमान चालीसा पाठ
- 7 बजे से 12 बजे तक विजय महामंत्र संकीर्तन
- दोपहर 1:30 से 3:30 बजे तक सुंदरकांड पाठ
- सायं 3:30 से 6:30 बजे तक भजन गायन
यजमानों में ये प्रमुख लोग होंगे शामिल
- डॉ. अनिल कुमार मिश्र (मुख्य यजमान)
- कृष्ण मोहन (आरएसएस क्षेत्र संघ चालक)
- मुकेश तोलानी, धीरेश्वर शर्मा, अतुल कुमार सिंह (विहिप)
- आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा, वीके मेहता (L&T), वीके शुक्ल (टाटा कंसल्टेंसी)
- वरिष्ठ अधिवक्ता मदन मोहन पांडेय सहित कई विशिष्टजन
अयोध्या के इस ऐतिहासिक आयोजन से रामजन्मभूमि अब और अधिक दिव्य, भव्य और सनातन परंपराओं से समृद्ध बन गई है।