- पचमढ़ी की धरती पर ऐतिहासिक कैबिनेट बैठक: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में राज्य मंत्रिमंडल की विशेष बैठक पहली बार इस पहाड़ी स्थल पर आयोजित हो रही
भोपाल । पचमढ़ी की सतपुड़ा घाटियों में आज का दिन राजनीतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद खास बन गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में राज्य मंत्रिमंडल की विशेष बैठक पहली बार इस पहाड़ी स्थल पर आयोजित हो रही है। लेकिन यह केवल एक कैबिनेट बैठक नहीं, बल्कि राजा भभूत सिंह जैसे विस्मृत योद्धा को स्मरण कर उन्हें मध्यप्रदेश की पहचान में प्रतिष्ठित करने का प्रयास भी है।
वीरगाथा से जुड़े निर्णय: भभूत सिंह की प्रतिमा और संस्थानों के नामकरण की तैयारी
मुख्यमंत्री ने सोमवार को स्पष्ट किया कि भूतपूर्व जागीरदार और स्वतंत्रता सेनानी राजा भभूत सिंह की स्मृति में पचमढ़ी में उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसके साथ ही नर्मदांचल क्षेत्र में किसी प्रमुख संस्थान का नाम उनके नाम पर रखे जाने पर भी सहमति बन सकती है।
डॉ. यादव ने कहा: “तात्या टोपे के आह्वान पर राजा भभूत सिंह ने सतपुड़ा की वादियों में आजादी की मशाल जलाई थी। उन्होंने जनजातीय समाज को अंग्रेज़ों के खिलाफ संगठित किया और नर्मदा पार कर स्वतंत्रता संग्राम की योजनाएं बनाईं।” यह बैठक इतिहास को वर्तमान से जोड़ने की कोशिश भी है, जिसमें सतपुड़ा के जननायकों को सरकारी स्मृति में स्थान देने की शुरुआत हो रही है।

कैबिनेट बैठक के पीछे रणनीति: पर्यटन और क्षेत्रीय सशक्तिकरण
395.93 हेक्टेयर भूमि को नजूल और राजस्व स्वामित्व में स्थानांतरित करने के बाद पचमढ़ी को पर्यटन नक्शे पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभारने की रणनीति बनाई जा रही है। कैबिनेट में पर्यटन, वन, संस्कृति और जनजातीय कार्य विभागों से जुड़े कई प्रस्तावों पर विचार होगा, जिससे पचमढ़ी को सिर्फ़ एक सैन्य छावनी या हिल स्टेशन के रूप में नहीं, बल्कि धार्मिक, ऐतिहासिक और जनजातीय विरासत से भरपूर सांस्कृतिक स्थल के रूप में पहचान मिले।
मंत्री दल की पचमढ़ी में मौजूदगी: शिविरनुमा राजनीतिक समागम
कैबिनेट के कई मंत्री रविवार रात ही पचमढ़ी पहुंच गए, जबकि कुछ आज सुबह भोपाल से निकले। राजभवन परिसर को कैबिनेट बैठक के लिए सजाया गया है। डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, मंत्री गोविंद राजपूत और प्रभारी मंत्री राकेश सिंह जैसे वरिष्ठ नेता बैठक की तैयारियों में जुटे रहे। बैठक का समय दोपहर 2 से 3.30 बजे तक रखा गया है। यह आयोजन न केवल सरकारी कामकाज का हिस्सा है, बल्कि यह एक राजनीतिक संदेश भी देता है कि सरकार जमीनी स्तर पर क्षेत्रीय संतुलन और सम्मान को महत्व दे रही है।
33.88 करोड़ के विकास कार्यों की सौगात
कैबिनेट बैठक के साथ मुख्यमंत्री 33.88 करोड़ रुपये के पर्यटन और बुनियादी विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन भी करेंगे। ये कार्य न केवल पचमढ़ी को एक समृद्ध पर्यटन केंद्र बनाएंगे, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान देंगे।
निष्कर्ष: इतिहास, सम्मान और विकास की त्रयी
पचमढ़ी की यह बैठक सत्ता की चौखट से निकलकर सांस्कृतिक चेतना की पहाड़ियों तक पहुंचने का प्रयास है। राजा भभूत सिंह को श्रद्धांजलि देकर सरकार यह संकेत दे रही है कि अब विकास सिर्फ़ शहरी केंद्रों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उन वनों और घाटियों तक भी पहुंचेगा जहां आज़ादी की असली लड़ाइयाँ लड़ी गई थीं।